अब कानूनी तौर पर दागदार नेताओं के लिए आसान नहीं चुनावी राह, चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन

डेस्क : चुनाव आयोग ने पूरी तयारी कर ली है दागदार छवि वाले नेताओं पर लगाम कसने की । इस बार विधानसभा तक पहुंचने की राह दागदार छवि वाले नेताओं के लिए आसान नहीं होगी। चुनाव आयोग ने अपने नए गाइडलाइन्स जारी किये है , जिनके अनुसार ऐसे प्रत्याशियों के लिए नियम और सख्त कर दिए गए हैं। चुनाव आयोग का पूरा प्रयास है कि जनता अधिक से अधिक बेदाग छवि वाले प्रत्याशियों का चयन करे और उन्हें सदन तक पहुंचा सके।

आपराधिक छवि के लोगों पर सख्ती के इरादे से चुनाव आयोग ने नई गाइड लाइन जारी की है। नई गाइड लाइन के अनुसार अब प्रत्‍याशियों को अपनी करतूतों को जनता के समक्ष सार्वजनिक करना होगा। चुनाव आयोग के द्वारा जारी की गाइडलाइन में ये प्रावधान कर दिया गया है कि दागदार छवि वाले प्रत्याशियों को अब नामांकन पत्र में अपने अपराध संबंधी मुकदमों का ब्योरा देने के साथ ही कम से कम तीन बार यह जानकारी अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कर मतदाताओं को भी देनी होगी। विज्ञापन कब प्रकाशित करना है इसका निर्धारण चुनाव आयोग करेगा। अखबार में विज्ञापन प्रकाशित होने के अगले दिन संबंधित प्रत्याशी को उस अखबार की एक प्रति विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अफसर को देनी होगी जिसमें उसका विज्ञापन होगा।

राज्य के उप निर्वाचन पदाधिकारी बैजू नाथ कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व में दागदार छवि वाले प्रत्याशियों को सिर्फ फॉर्म 26 के पारा पांच-छह में आपराधिक मामलों की जानकारी देनी होती थी।पर अब चुनाव आयोग के द्वारा जारी की गयी नई गाइडलाइन के अनुसार जिन प्रत्याशियों के खिलाफ मामले दर्ज हैं, उन्हें नामांकन के बाद नाम वापसी के चार दिनों के अंदर अपने ऊपर चल रहे या लंबित आपराधिक मामलों का पहला विज्ञापन विधानसभा क्षेत्र में प्रसारित अखबार में कराना होगा। इसके बाद पुनः दूसरी बार यही विज्ञापन नाम वापसी के पांचवे से आठवें दिन और तीसरी बार मतदान के ठीक एक दिन पहले समाचार पत्र में प्रकाशित कराना होगा।

चुनाव आयोग के अनुसार मतदाताओं को अपने प्रत्याशी के आपराधिक मामलों की जानकारी होगी तो वे सोच समझकर मतदान करेंगे। साथ ही इस व्यवस्था के प्रभावी होने से सदन के अंदर साफ-सुथरी छवि वाले विजयी उम्मीदवार पहुंचेंगे। नई व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी होगी एवं मतदाताओं को अपने उम्मीदवार के बारे में पूरी की जानकारी हो