Begusarai Ulav Airport : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त यानी कल ‘राष्ट्रकवि दिनकर की धरती’ बेगूसराय आ रहे हैं। लेकिन यहां के जनता की सबसे बड़ी आस बेगूसराय एयरपोर्ट (Begusarai Airport) की सौगात एक बार फिर अधूरी ही रह जाएगी। नेता बदलते रहे, सरकारें बदलती रहीं पर बेगूसराय का उलाव एयरपोर्ट (Begusarai Ulav Airport) आज भी कागज़ी सपनों से आगे नहीं बढ़ पाया।
पुल पर राजनीति, उड़ान पर सन्नाटा
प्रधानमंत्री इस दौरे में एशिया का सबसे चौड़ा औंटा–सिमरिया 6-लेन पुल का उद्घाटन करेंगे। यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को एक साथ जोड़ेगा। खासकर, बेगूसराय से पटना का सफर महज 1.5 घंटे में पूरा हो सकेगा।लेकिन सवाल उठता है कि जब बेगूसराय को बिहार की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है, तो फिर यहाँ हवाई कनेक्टिविटी क्यों नहीं?
हवाई चप्पल तो मिली, जहाज़ कब?
सरकार ने पूरे देश में UDAN योजना का नारा दिया हवाई चप्पल पहनने वाला भी अब हवाई जहाज़ में बैठेगा। लेकिन बेगूसराय में हकीकत उलट है। यहाँ लोग अब तक पूछते हैं ‘पहले हवाई जहाज़ तो उतरने दीजिए, फिर चप्पल वाला बैठेगा या जूता वाला, ये बाद में तय कर लेंगे।’
चुनावी मौसम में उड़ता सपना
हर चुनाव में एयरपोर्ट की फाइल उड़ती है, लेकिन रनवे पर कभी लैंड नहीं करती। 2018 में कहा गया कि बेगूसराय एयरपोर्ट को UDAN योजना में शामिल किया गया है। 2020 में चर्चा हुई कि जल्द यहाँ से उड़ानें शुरू होंगी। 2025 में भी हाल वही है- जल्द ही होगा की सरकारी पंक्ति जस की तस है।
शायद Google Map पर
बेगूसराय के लोगों का कहना है- हमारे यहाँ हवाई जहाज़ का सपना, नेताओं की भाषण की तरह है, ऊँचा उड़ता है, लेकिन उतरता कभी नहीं। बेगूसराय एयरपोर्ट का उद्घाटन शायद हमारी अगली पीढ़ी ही देख पाएगी, वो भी शायद Google Map पर।
पुलों और सड़कों का उद्घाटन ज़रूरी है, लेकिन औद्योगिक शहर बेगूसराय को अगर सचमुच राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ना है, तो हवाई कनेक्टिविटी से बड़ा कोई तोहफ़ा नहीं हो सकता।