बखरी समेत तीन नगर पंचायत नगर परिषद में अपग्रेड, मंझौल अनुमंडल मुख्यालय विकास से रह जायेगा महरूम

न्यूज डेस्क, बेगूसराय : बिहार में शहरीकरण पर जोर दिया गया है। राज्य भर में नए नगर निकाय के गठन और पुराने को प्रमोट किया गया है। नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार सरकार ने जिले के तीन नगर पंचायत को अपग्रेड करते हुए नगर परिषद में तब्दील कर दिया है। तीनो नगर निकायों को मंत्री परिषद की बैठक में अपग्रेड की सारी कवायद पास कर मुहर लगा दी है। बताते चले कि नगर निकायों के गठन उत्क्रमण क्षेत्र विकास के प्रस्ताव पर शनिवार को मंत्रिपरिषद की बैठक स्वीकृति दे दिया गया है।

मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के उपरांत बखरी ,बलिया, तेघड़ा, समेत 160 नगर निकायों के संबंध में अलग अलग अधिसूचना निर्गत कर दिया गया है। बीते दिनों पूर्व ही जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने बखरी नगर पंचायत को नगर परिषद में अपग्रेड करने का प्रस्ताव अपने पत्र के माध्यम से नगर विकास व आवास विभाग बिहार सरकार को भेजा था । अपने पत्रांक में डीएम श्री वर्मा ने बखरी से सटे सलौना,घाघड़ा, डरहा, जयलख,पंचायत के कुछ आंशिक भाग को विकास के मद्देनजर छोटे शहरों में व्यवसायीक गतिविधियों को तेजी बढ़ावा, मिले, इलाके की साफसफाई,शहर के तरजीह पर हो सके , इसके अलावे क्षेत्र के समुचित विकाश केलिए बखरी के इन आंशिक भाग को नगर परिषद में जोड़ने का प्रस्ताव डीएम ने पहले ही नगर विकाश आवास विभाग बिहार सरकार को भेज दिया था। सरकार के इस फैसले से बखरी की जनता में हर्षोल्लास का महौल है।

मंझौल नहीं बन सका नगर निकाय , लोगों में है मायूसी बिहार भर में सौ से ज्यादा नये नगर निकाय बनाये गए हैं। सरकार के अधिकारियों ने खुद ही फैसला लिया था कि राज्य में सभी अनुमंडल मुख्यालय को नगर निकाय बनाया जाएगा । परन्तु मंझौल को नगर निकाय नहीं बनाया गया । बताते चलें कि मंझौल में चार पंचायत हैं जबकि इसकी आबादी 2011 में हुए जनगणना के समय करीब 35 हजार की थी जो अब 60 हजार के लगभग पहुंच चुका है। मंझौल में चारों तरफ सड़को पर कचरा , टूटे फूटे नाले और बिना लाइट का वीरान बस्ती दिखता है। मंझौल को नगर निकाय बनाने की प्रक्रिया करीब दो दशक पहले भी की गई थी। परन्तु राजनीतिक महत्वाकांक्षी लोगों के दाव पेंच के कारण दो दशक बाद भी मंझौल अपने वाजिब विकास से महरूम है।