न्यूज डेस्क , बेगुसराय (यशवंत) : बेगूसराय जिले के लाल व इंडियन आर्मी के जवान जिले के बछवाड़ा निवासी शंभू कुमार ने विश्व भर में भारत के नाम की डंका बजा दिया। शंख बजाने की कला में श्री कुमार ने भारत की तरफ से एक नया गिनीज विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। खास बात यह है कि अभी तक किसी अन्य व्यक्ति के नाम यह रिकॉर्ड नहीं था। वर्तमान में शंभू कुमार भारतीय सेना में (16 राजपूत) में कार्यरत हैं। शनिवार को शम्भू कुमार को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए. भारत भूषण ADG,(M&C) ने गिनीज का सार्टिफिकेट देकर समानित किये।
ऐसे हासिल हुआ रिकॉर्ड , पहले भी बना चुके हैं कई रिकॉर्ड गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मानक पर इनके द्वारा शंख बजाने की आवाज को रिकॉर्ड करने के लिए साल 2020 के जुलाई माह में आई टीम ने इन्हें एक सांस और एक आवाज में 70 sec तक शंख बजाने को कहा । टीम ने बताया कि रिकॉर्ड बनाने के लिये शंख की आवाज को बिना अप डाउन किये 70 sec तक बजाना है। इन्होंने टीम के सामने लगातार 80 sec तक एक आवाज में शंख बजा कर गिनीज बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाकर देश का नाम रौशन कर दिया । शम्भू कुमार ने बताया कि ये लगातार 2 घण्टे से भी ज्यादा शंख बजा चुके है। इनके नाम पर शंख बजाने को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। द बेगूसराय से बात करते हुए श्री कुमार ने बतया की अब गिनीज रिकॉर्ड अपने नाम करने के बाद और भी कई विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में मेहनत कर रहे हैं।
शंख बजाने की प्रेरणा यहाँ से मिली , पढिये विश्व रिकॉर्ड धारी शम्भू कुमार के सफर के किस्से शंभू कुमार का कहना है उनका बचपन बनारस के मठ में स्वामी शीतल दास ट्रस्ट में बीता , वहां उन्होनें अध्ययन और का पुजारी का काम दोनों साथ- साथ किया। जिससे वे भगवान की आरती के समय वह शंख बजाया करते थे, एक दिन मठ के मठाधीश ने उनके शंख बजाने की जिज्ञासा देखकर उन्हें लगातार शंख बजाने की प्रेरणा दी और शम्भू कुमार ने उस प्रेरणा को आशीर्वाद के रूप में लिया और शंख बजाने की कला से अपना नाम विश्व रिकॉर्ड में कायम कर दिया।
शम्भू कुमार ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉड में नाक बंद कर के एक सांस और एक धुन में 80 सेकेन्ड का रिकॉर्ड कायम किया है, अभ्यास से दौड़ान 2.5 घंटो तक शंख बजाया है, उनका लगातार शंख बजाने का रिकॉर्ड भारत वर्ल्ड रिकार्ड में 53 मिन्ट,इन्डिया स्टार बुक में 53 मिन्ट और लिम्का बुक रिकॉर्ड में 33 मिन्ट का है , लगातार शंख बजाते समय शंभू कुमार सांस लेते हैं लेकिन शंख की आवाज कम या बंद नहीं होता है। उनका विश्व रिकॉर्ड बनाने का लालसा बहुत दिनों से था जब गिनीज बुक वालों ने एक सांस में 70 सेकंड शंख बजाने का लक्ष्य दिया तो उन्हें थोड़ा कठिन लगा था लेकिन उन्होंने लगातार योग करके 5 मिनट तक सांस रोकने का अभ्यास किया फिर उन्होंने गिनीज के टीम के सामने शंख बजाने का रिकॉर्ड हासिल किया शंभू कुमार का कहना है, कि मनुष्य अगर निश्चय कर ले तो हर काम आसान होता है शंख बजाने से मनुष्य के जीवन में काफी लाभदायक होता है वर्तमान समय में करोना जैसे महामारी में भी शंक बजाना बेहतर प्रेरणा दायक सिद्ध होगा।
शंख बजाने से दिल में जोश एवं उत्साह उत्पन्न होता है शंख बजाने से गर्दन की मांसपेशियों को एक अच्छा व्यायाम मिलता है, शंख को बजाने से गला, फेफड़ा एवं उदर विकार दूर होता है, 1928 में बर्लिन यूनिवर्सिटी ने शंख ध्वनि शोध करके यह सिद्ध किया कि इसकी ध्वनि में कीटाणु नष्ट करने की उत्म औषधि है, तानसेन ने भी अपने आरंभिक दौड़ में शंख बजाकर ही गायन की शक्ति प्रदान की थी अर्थव वेद के चतुर्थ अध्याय में शंखमणि सप्तमी शंख वादन की महत्त्व वर्णित है अर्थव वेद के अनुसार शंख बजाने से राक्षसों का नाश होता है भागवत पुराण में भी शंख बजाने का उल्लेख किया है यजुर्वेद में भी इसकी महत्व वर्णित किया है।