Begusarai News

बेगूसराय में टीचर के ‘पकड़ौआ विवाह’ वाले वायरल वीडियो की सच्चाई कुछ और निकली..

Begusarai News : सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ हथियारबंद लोग एक सरकारी स्कूल में घुसकर शिक्षक को जबरन खींचते हुए ले जाते दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो बेगूसराय जिले का बताया जा रहा है। वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यहां एक स्कूली शिक्षक का अपहरण कर जबरन उसकी शादी कराई जा रही है। लोगों ने इस घटना को बिहार की कुख्यात ‘पकड़ौआ विवाह’ प्रथा से जोड़ते हुए CM नीतीश कुमार की सरकार पर तंज कसना शुरू कर दिया है।

क्या है वायरल वीडियो में?

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सरकारी स्कूल में कुछ युवक हथियारों के साथ घुसते हैं और एक शिक्षक की बांह पकड़कर उसे जबरन स्कूल से बाहर ले जाते हैं। शिक्षक घबराया हुआ नजर आता है और खुद को छुड़ाने की कोशिश करता है, लेकिन युवक उसे खींचते हुए ले जाते हैं। यह दृश्य बिल्कुल किसी अपहरण की घटना जैसा प्रतीत होता है। इसी आधार पर सोशल मीडिया पर लोग इसे एक असली घटना मान रहे हैं और इसे लेकर बिहार सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

वायरल दावे की पड़ताल

हालांकि, जब इस वीडियो की सच्चाई की पड़ताल की गई तो एक बिलकुल अलग तस्वीर सामने आई। ‘Rajanrddfilms’ नामक एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर 22 मार्च 2025 को यह वीडियो अपलोड किया गया था। वीडियो के कैप्शन में साफ तौर पर लिखा गया है कि यह एक फिल्म की शूटिंग का हिस्सा है और इसका नाम है – ‘पकड़ौआ बियाह’। यह वीडियो फिल्म के एक दृश्य की शूटिंग के दौरान रिकॉर्ड किया गया था।

मीडिया रिपोर्ट से मिली पुष्टि

इस वायरल वीडियो को लेकर टीवी9 हिंदी ने 23 मार्च 2025 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो बेगूसराय के तेघड़ा अनुमंडल के दुलारपुर गांव स्थित एक स्कूल में फिल्माई गई एक शूटिंग का हिस्सा है। वहां ‘पकड़ौआ विवाह’ नाम की एक फिल्म की शूटिंग चल रही थी, जिसमें यह दृश्य फिल्माया गया था। News18 के अनुसार, स्कूल के प्रिसिंपल नवीन कुमार ने सफाई में कहा कि शूटिंग हुई थी, उस दिन स्कूल बंद था, इसलिए उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

क्या है ‘पकड़ौआ विवाह’?

‘पकड़ौआ विवाह’ बिहार की एक कुख्यात सामाजिक प्रथा रही है, जिसमें किसी युवक का जबरन अपहरण कर उसकी शादी करवा दी जाती थी। यह प्रथा खासकर 1980 और 1990 के दशक में काफी चर्चा में रही थी, हालांकि अब यह लगभग खत्म हो चुकी है। समय-समय पर इस प्रथा पर फिल्में और वेब सीरीज बनती रही हैं, जो समाज को आईना दिखाने का प्रयास करती हैं।

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