वैसे तो समय समय पर अलग अलग तरह के आविष्कार होते रहते है ,पर बिहार राज्य में आविष्कारकों की कमी नहीं है, मधुबनी जिले के बसोपटी छेत्र के वीरपुर के रहने वाले एक छात्र ने अपनी काबलियत का प्रदर्शन करते हुए यह बता दिया है कि बिहार के बच्चों का दिमाग नई तकनीको को समझने की कितनी ज़बरदस्त छमता रखता है । हाल ही में 17 वर्षीय महेश शर्मा ने एक ऐसी गाड़ी बनाई है जो तीन पहिये पर चलती है।
पर आप सोच रहे होंगे कि यह किस प्रकार की प्रतिभा हुई, लेकिन आपको बता दें कि यह गाड़ी कबाड़ी की दुकान से सामान इकट्ठा करकर बनाई है । इस गाड़ी में लगा है सोलर पैनल, मोटरसाइकिल का इंजन और बैटरी , बैटरी से गाड़ी को पावर दी जाती है , जब बैटरी खत्म हो जाये तो उसके लिए लगा है सोलर पावर जो इंजन को चालू रखने में अंत तक मदद करेगा।
ऐसे में अगर इस गाड़ी के प्लान को बाजार में उतारा जाए तो यह काफी फायदा पहुंचा सकता है क्योंकि बाजार में मिलने वाले बैटरी चालित वाहन लाख रुपये से नीचे नही आते है पर यह वाहन सिर्फ 50 हजार में उपलब्ध कराया जा सकता है । आपको बता दें कि जिस लड़के ने यह वाहन तैयार करा है वह बढ़ई समुदाय से है और महज 17 साल की उम्र में यह चमत्कार कर दिखाया है।
इस वाहन को बनाने का विचार महेश के मन मे तब आया जब वह बैटरी चालित वाहन पर अपने परिवार के साथ सफर पर था और तब बैटरी खत्म हो गयी, उसी दिन महेश ने सोचा कि क्यों न ऐसी गाड़ी बनाई जाए जिसमे बैटरी न होने के बाद भी चले। इसके लिए उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को पकड़ा और मामा की वेल्डिंग की दुकान पर जाकर काम चालू कर दिया। जैसे ही इस पर काम खत्म हुआ लोगो ने इस वाहन की खूब वाह वाही करी और महेश ने उन्हें यह भी बताया कि उसके इस वाहन से पर्यावरण को भी नुकसान नही होगा।