बेगूसराय के पूर्व एएसपी पर बदमाशों की मदद करने का लगा आरोप, सरकार ने अब दिये जांच के आदेश

न्यूज डेस्क, बेगूसराय : पुलिस की वर्दी पहनकर अपराधियों को फायदा पहुंचाने वाले अधिकारियों पर बिहार सरकार लगातार शिकंजा कस रही है। बेगूसराय सदर अनुमंडल के डीएसपी रहे राजेश कुमार को वरीय अधिकारी के आदेश का अनुपालन नहीं करना महंगा पड़ गया है। गृह विभाग ने राजेश कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है तथा उन्हें दस दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। वर्तमान में अपराध अनुसंधान विभाग पटना में अपर आरक्षी अधीक्षक के पद पर तैनात राजेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने बेगूसराय नगर थाना क्षेत्र के अभियुक्त विष्णुपुर निवासी हीरा चौधरी, नवीन चौधरी एवं बौआ चौधरी उर्फ विपिन चौधरी के अभियुक्तिकरण के बिन्दु पर कांड प्रगति प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया।

इसके लिए बेगूसराय एसपी कार्यालय द्वारा नौ अप्रैल 2016, 18 अप्रैल 2016, 22 अप्रैल 2016, 26 अप्रैल 2016 एवं 23 जुलाई 2016 को पत्र जारी कर अभियुक्तों के विरूद्ध स्थानीय लोगों से बयान लेने, मोबाईल टॉवर लोकेशन लेने एवं सीसीटीवी कैमरा का फुटेज प्राप्त कर अपने स्पष्ट मंतव्य के साथ प्रगति प्रतिवेदन की मांग किया गया। लेकिन राजेश कुमार द्वारा इस रंगदारी एवं निर्मम हत्या जैसे गंभीर एवं संवेदनशील कांड में दिये गये दिशा-निर्देश का अनुपालन नहीं किया गया। पुलिस महानिरीक्षक भागलपुर प्रक्षेत्र के कार्यालय के मांग पर भी प्रगति प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया गया। जो कि पुलिस हस्तक नियम 1010(सी) के प्रावधानों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन और उनके गैर जिम्मेवाराना कार्यशैली का प्रतीक है।

उक्त आरोपों के लिए गृह विभाग (आरक्षी शाखा) बिहार द्वारा 16 जून 2020 को मांगे गए स्पष्टीकरण में राजेश कुमार ने उपरोक्त आरोपों को अस्वीकार किया। लिखित बचाव अभिकथन की समीक्षा के बाद लगाये गये आरोपों की वृहद जांच करने के लिए अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा विभागीय कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है। विभागीय कार्यवाही के संचालन के लिए बिहार गृह रक्षा वाहिनी के उप महानिरीक्षक पंकज कुमार सिन्हा को संचालन पदाधिकारी तथा बेगूसराय के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) निशित प्रिया को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया गया है। जिसमें आदेश प्राप्ति से दस कार्य दिवस के अन्दर संचालन पदाधिकारी द्वारा निर्धारित समय पर स्वयं उपस्थित होने को कहा गया है।