नावकोठी में माता काली की गयी पूजा अर्चना, हज़ारो की संख्या में श्रद्धालुओं ने लिया भाग

नावकोठी (बेगूसराय) : प्रखण्ड क्षेत्र के स्थानीय गांव में बूढ़ी गंडक नदी के तट पर काली माता का मंदिर है जहा पर हर साल क्षेत्र के लोगो के सहयोग से माता का पूजन किया जाता है । हम बताते चले यह पूजन पूर्वजों तथा मानवीय सदगुणों के सिन्धु धर्मानुरागी स्व० मदन मोहन प्रसाद सिंह ‘बड़े बाबू’ के द्वारा स्थापित बृहत पूजनोत्सव परम्परानुसार भी माँ काली की पूजा अनुष्ठान की गयी।यह पूजा सैंकडों साल पूर्व से आयोजित होती आ रही है।जिसमे ग्यारह पंडित के द्वारा मन्त्र जाप कर पुजा किया जाता है ।

इस पूजा में आचार्य सुधीर झा और उपाचार्य रतीश चन्द्र पाठक को बनाया गया है , इन्हीं के निर्देशानुसार में यह पुजा की जा रही है। हम बताते चले कि काली पूजा के दौरान सवा लाख महादेव बनाई जाने की परंपरा है , वही सवालाख से अधिक भी बनाया जाता है और महादेव की पूजा अर्चना की जाती है। पूजा के बाद सभी श्रद्धालुओं मेके बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है । हम बताते चले कि प्रसाद श्रद्धालुओं संख्या लगभग 1500 तक होती है ।यहा कि विशेष बात यह है कि वितरण के बाद जो भी प्रसाद बचता है उसे बूढ़ी गंडक नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। कई सौ वर्षो से यह मंदिर बटवृक्ष के नीचे में था । यह वटवृक्ष लगभग तीन से चार एकड़ में फैला हुआ था । लेकिन ग्रमीणों के द्वारा माता के मंदिर को एक भव्य रूप दिया गया ।

कोषाध्यक्ष मनोज पाठक ने बताया कि मंदिर के निर्माण में अभी तक लगभग 50 लाख रूपए से भी अधिक खर्च किया जा चुका है। इस मंदिर में पूजा करने कलकत्ता और अन्य कई जगहों के भी श्रद्धालु आते हैं और यहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि जो श्रद्धालु यहा आते हैं वो खाली हाथ लौट कर नही जाते हैं । माता उनकी मनोकामना पुर्ण करती हैं। बताते चले कि यहा पूजा पाठ और बली भी चढ़ाया जाता है। यह मंदिर बहुत ही चर्चित है लोगो का कहना है कि यह एक पर्यटक स्थल भी बन सकता है । लेकिन राज्य सरकार और जिला प्रसाशन की नजर में यह स्थान अभी तक नहीं आया है। श्रद्धालुओं ने कहा कि पर्यटन की दृष्टिकोण से इस मंदिर पर ध्यान देने की जरूरत है। इस पुजा के अवसर पर दैविक-जगारण भी कराया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष सनोज , कुमोद ,टुनटुन ,सरोज कुमार,महेश महतों,सुनील चौधरी,देविद्र दास, अमरनाथ पाठक, उज्जवल कुमार सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे ।