52 शक्तिपीठों में एक माता जयमंगला के मंदिर परिसर में पसरा हुआ है सन्नाटा

न्यूज डेस्क : राज्यव्यापी लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर 52 शक्तिपीठों में एक जयमंगलागढ़ मंदिर परिसर में सन्नाटा छा गया. विदित हो सरकार के आदेशानुसार सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखने के आदेश के बाद यहाँ पर आए श्रद्धालु बाहर से ही पूजा अर्चना करते थे . लोगों की चहलपहल दिन भर देखने को मिलती थी.लेकिन लॉकडाउन की घोषणा के बाद मंदिर परिसर में सन्नाटा पसर गया. अब सिर्फ सुबह और शाम में माँ की पूजा व आरती यहाँ के पुजारियों के द्वारा किया जाता है .बताते चले कि पिछले वर्ष भी 21 मार्च को मंझौल एसडीओ दुर्गेश कुमार के द्वारा बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर में सार्वजनिक पूजा पाठ पर रोक लगा दी गयी थी.

मंदिर परिसर में रहने वाले बेजुवान जानवरों की बढ़ी परेशानियां विदित हो कि जयमंगलागढ़ मंदिर परिसर में सैकड़ों की तादात में बंदर, बकरे,कुत्ते तथा विभिन्न जानवर रहते है . यहाँ पर प्रतिदिन पूजा करने आये श्रद्धालुओं के द्वारा इनको कुछ न कुछ भोजन मिल जाया करता था लेकिन अब इनकी परेशानियां बढ़ने लगी. श्रद्धालु नही आने के कारण अन्य जानवरों की अपेक्षा बंदरों को अपने भोजन के लिए लोगो को बाट जोहना पर रह है .मंदिर प्रशासन के द्वारा सुबह और शाम को कुछ न कुछ भोजन का प्रबन्द करवाया जाता है लेकिन दिन भर खाने की आदतों के आदि हुए जानवरों को ये हजम नही हो पा रहा है .