कोरोना के साये के बीच रमजान का पहला जुमा पर रोजेदारों ने की नवाज अदा,कोरोना से हिफाजत की दुआ

न्यूज डेस्क : कुरान का पवित्र माह रमजान से रूहानी रिश्ता है.चूंकि इसी महीने में कुरान को अल्लाह ने धरती पर उतारा. जो सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी इंसानियत के लिए हिदायत की बात करता है. उक्त बातें शाहपुर जामा मस्जिद के साबिक इमाम मुफ्ती सरफराज आलम कासमी ने रमजान के प्रथम जुमा की नमाज़ अदा करने से पूर्व रोजेदारों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा इस महीने में खुदा अपने बंदों पर रहमतों की खास बारिश करता है.

इसलिए इस महीने को खुदा का महीना भी कहा जाता है. वहीं कोरोना महामारी के बीच रमजान मे लोगों को अपने अपने घरों में रोजा के साथ साथ पांचों वक्त की नमाज, तरावीह, नवाफिल एवं कसरत के साथ अपने गुनाहों पर शर्मिंदा होकर तौबा करने की हिदायत दी. साबिक इमाम ने कोरोना को अजाबे इलाही करार देते हुए रोजेदारों से खासकर इफ्तार के वक्त मुल्क व मिल्लत के साथ पूरी इंसानियत की हिफाज़त के लिए दुआ करने की अपील की. उन्होंने कहा आज रोजेदार सदमें मे हैं. और हों भी क्यों नही जिस तरह से मुहलिक बीमारी पूरी दुनिया में अपना पांव पसार रहा है.

धार्मिक स्थल बंद रहने के कारण वीरानी छाई हुई है. इससे सबक लेने की जरूरत है. वहीं इमाम मस्जिद हाफिज़ सदरे आलम के द्वारा उक्त महामारी से पूरी इंसानियत की हिफाज़त के खुशूशी दुआ कराई गई. जिसमें मस्जिद के खादिम और जिम्मेदार शामिल हुए. साथ ही सरकारी गाइडलाइंस का पूर्णतः पालन करते हुए बेवजह घर से नहीं निकलने की अपील की गई. जबकि आवश्यकतानुसार बाहर निकलने के दौरान मास्क का उपयोग करने, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने, समाजिक दूरी का पालन करने सहित अन्य सुरक्षात्मक उपाय अपनाने की हिदायत दी गई. जानकारी अनुसार पूरे प्रखंड क्षेत्र में रमजान के प्रथम जुमा की नमाज आम लोगों ने घरों में अकीदत के साथ अदा किया. जबकि मस्जिदों में इमाम, मुअज्जिन के अलावा मस्जिद के खादिम और जिम्मेदार लोग ही नमाज़ अदा कर सके.