Begusarai News : बेगूसराय पुलिस ने कुख्यात अपराधी नीरज सिंह उर्फ नीरज बॉस को एक मुठभेड़ में घायल कर दबोच लिया। पुलिस फायरिंग में नीरज के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। भारी पुलिस कार्रवाई के बावजूद नीरज की जान बच गई, इसलिए इसे पुलिस महकमे में ‘हाफ एनकाउंटर’ कहा जा रहा है।
घटना तेघड़ा थाना क्षेत्र के दियारा इलाके की है, जहां पुलिस को नीरज बॉस की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। एसपी मनीष के निर्देश पर विशेष टीम ने इलाके में घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही नीरज और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में नीरज घायल हो गया, जबकि उसके तीन साथी कानून के खौफ में हथियार डालकर सरेंडर कर गए।
पुलिस ने नीरज बॉस गिरोह के कब्जे से दो राइफल, एक पिस्टल, एक देसी कट्टा और 15 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। गिरफ्तार तीनों अपराधी नीरज के करीबी गुर्गे बताए जा रहे हैं।
छोटे अपराधों से कुख्यात
मोकामा थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुर गांव निवासी अमर सिंह के पुत्र नीरज सिंह कभी एक साधारण परिवार का युवा था। साल 2000 के आसपास उसने चोरी और लूट जैसी वारदातों से जुर्म की दुनिया में कदम रखा। धीरे-धीरे उसकी पैसे की भूख बढ़ती गई और उसने दियारा इलाके में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया।
गंगा किनारे बसे दियारा क्षेत्र में नीरज ने अपना गैंग तैयार किया, और इसी दौरान उसके साथी उसे ‘नीरज बॉस‘ के नाम से बुलाने लगे। 2010 तक उसके खिलाफ कई गंभीर मुकदमे दर्ज हो चुके थे। साल 2015 में नीरज ने मोकामा के एक कारोबारी का किडनैप कर फिरौती वसूली। इसके बाद उसने अवैध हथियारों की सप्लाई और विरोधी गैंगों पर धावा बोलकर अपना वर्चस्व कायम करना शुरू कर दिया।
पुलिस के अनुसार दियारा में नीरज बॉस का नाम दहशत का पर्याय बन चुका था। पुलिस कई बार उसे पकड़ने पहुंची, लेकिन नीरज दियारा के घने इलाकों और नदी के रास्तों का फायदा उठाकर फरार हो जाता था। इस बार पुलिस की कड़ी घेराबंदी से वह बच नहीं सका।
पुलिस के हाथ लगी गैंग की तस्वीर
गिरफ्तारी के बाद पुलिस को नीरज बॉस और उसके गैंग की ताजा गतिविधियों की जानकारी मिलने लगी है। एसपी मनीष कुमार का कहना है कि दियारा क्षेत्र को अपराधमुक्त करने की दिशा में यह बड़ी सफलता है। पुलिस नीरज और उसके साथियों से पूछताछ कर उसके नेटवर्क और हथियारों की सप्लाई से जुड़े सूत्रों की पड़ताल में जुटी है।

