Mokama-Simariya Six Lane Ganga Bridge Update : उत्तर और दक्षिण बिहार को एक साथ जोड़ने वाली राजेंद्र सेतु के समानांतर बन रहे सिक्स लेन सड़क ब्रिज का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है. दरअसल, गंगा नदी के ऊपर पर बन रहे एशिया का सबसे अधिक चौड़ा एक्स्ट्रा डोजेज, स्टे केबल सिक्स लेन ब्रिज पर जल्द ही गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी.
बता दे की 1,137 करोड़ की लागत मोकामा के औटा और बेगूसराय के सिमरिया के बीच गंगा पर सिक्स लेन सड़क पुल का निर्माण किया जा रहा है. अब महज 8 जगहों पर सेगमेंट रखने का कार्य शेष बचा हुआ है. NHAI द्वारा पुल को दिसंबर 2024 में ही चालू करने की योजना थी. लेकिन, बाढ़ के चलते निर्माण कार्य ठप हो गया था. इसी वजह से पुल को चालू करने की संभावित तिथि अप्रैल 2025 कर दी गई है.
जानकारी के मुताबिक, गंगा नदी पर 1.86Km लंबे पुल और दोनों तरफ 3015 मीटर लंबे छह लेन और 3275 मीटर के चार लेन एप्रोच का निर्माण किया जा रहा है. एप्रोच में एक रेलवे ओवरब्रिज और दो रेलवे अंडरब्रिज का निर्माण होना है. आरओबी में दो स्टील गर्डर लगे हैं. इसमें से एक को असेंबल कर तैयार कर लिया गया है. दूसरे की सभी सामग्री निर्माण स्थल पर पहुंच गई है. पहला लॉन्च होते ही दूसरे का असेंबल कार्य शुरू कर दिया जाएगा. जबकि, एक आरयूबी स्टील गर्डर और दूसरा कंक्रीट बाक्स बेस होगा. दोनों का एक- एक पार्ट बनकर तैयार है. दूसरे पार्ट का भी निर्माण अंतिम चरण में है.
वही, औटा से हाथीदह व सिमरिया बिंद टोली से राजेन्द्र पुल स्टेशन NH -31 तक में सिक्सलेन का एक आरओबी और दो आरयूबी का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा रास्ते में 6 वेकल अंडर ब्रिज भी होगा. हाथीदह रेलवे जंक्शन के पास आरओबी का निर्माण कार्य चल रहा है. जहां SH -106 के ऊपर से NH -31 गुजरेगी. औटा के पास दो जगहों पर रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है.
औटा व सिमरिया साइड में एप्रोच पथ मिलाकर कुल 8.15Km लंबा इस ब्रिज का निर्माण कार्य हो रहा है. यह ब्रिज का पूरा लोड केबल पर ही रहेगा. ब्रिज की चौड़ाई 34 मीटर होगी. ब्रिज पर 13-13 मीटर चौड़ा दोनों ओर 3-3 लेन की सड़क रहेगी. जबकि, ब्रिज के दोनों साइड 1.5 मीटर चौड़ी फुटपाथ रहेगी.
मालूम हो की वर्तमान समय से बेगूसराय से मोकामा और लखीसराय जाने के लिए लोग दो लेन वाले राजेंद्र पुल का इस्तेमाल करते हैं. इसके एक लाइन पर ज्यादातर मरम्मत कार्य चलता रहता है. इस कारण एक लेन से ही गाड़ियों का आवागमन होता है. पुल के दोनों तरफ पर सभी गाड़ियों को रोक दिया जाता है. इसके बाद अलग-अलग समय में वाहनों को पार कराया जाता है.