पुल से जुड़ेगा मटिहानी व शामहो, क्रेडिट के चक्कर में बेगूसराय बीजेपी के भीतर गहरी हुई राजनीतिक खाई

डेस्क : पुल भले ही सिद्धान्त और व्यवहार में नदी के दो किनारों को जोड़ता हो लेकिन , इसके विपरीत बेगूसराय जिले में शामहो और मटिहानी के बीच गंगा नदी पर बनने वाले पुल की स्वीकृति और एलाइनमेंट के मुद्दे ने बेगूसराय जिले की भाजपा को दो किनारों में खड़ा कर दिया है। जिले के दो सांसदों और दो विधायकों वाली इस सत्ताधारी पार्टी में पुल के बहाने घमासान मचा है कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं हो सकती।

इस पुल के निर्माण में महती भूमिका निभाने वाले राज्य सभा सदस्य राकेश सिन्हा और बेगूसराय से लोकसभा के सदस्य और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के समर्थकों बीच श्रेय लेने की होड़ और इस बीच एलाइनमेंट बदलने को लेकर पिछले सप्ताह भर बेगूसराय जिले का राजनीतिक माहौल गर्म रहा। इस गरमाहट को तब और हवा मिली जब बेगूसराय के विधायक और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खेमे के माने-जाने वाले कुंदन सिंह ने इस पुल के तीन एलाइनमेंट की चर्चा करते हुए पुल पर राहु केतु की नजर की बात करते इसके एलाइनमेंट बदलवाने की बात कही। इसे लेकर बेगूसराय में गिरिराज सिंह के सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर ने कहा इस पुल को बनाने का श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी विकास नीति को है।

भाजपा के दोनों फायरब्रांड सांसदों के समर्थन और विरोध की हवा को तब और बल मिला जब राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बेगूसराय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा कि एलाइनमेंट बदलवाने की बात कहकर लोगों को गुमराह कर मेरे घर जलवा देने की बात की गई। उन्होंने अपने गांव से शामहो तक के क्षेत्र में एक तरह का शक्ति प्रदर्शन कर सरलाही स्कूल में भीड़ के बीच शामहो पुल बनाने में आती अड़चनों, साजिशों और कठिनाइयों का खुलासा करते अनेक बात कहीं। उन्होंने कहा कि शामहो पुल की स्वीकृति केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा करके कर दी है। इसे अब कोई रोक नहीं सकता।

इसे रोकने वाले को बेगूसराय और दिल्ली से खदेड़ देंगे की बात कह उन्होंने इशारे में बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री को एक तरह का अप्रत्यक्ष संदेश भी दे दिया। राज्यसभा सांसद की शाम हो सरलाही में हुई मीटिंग में गिरिराज सिंह के समर्थक भाजपा विधायक अनुपस्थित रहे तो मटिहानी के पूर्व और वर्तमान विधायक क्रमश बोगों सिंह और राजकुमार सिंह दोनों राकेश सिन्हा के आजू-बाजू बैठे नजर आए। शामहो पुल ने बेगूसराय के भाजपा को राज्यसभा सदस्य और बेगूसराय से लोकसभा के सदस्य के बीच राजनीतिक खाई गहरी ज़रूर कर दी है और सांसद द्वय में बंटे स्थानीय नेताओं को गुटवाद के सांसत में डाल दिया है।