Begusarai News : बरौनी स्थित पेप्सी प्लांट (वरुण बेवरेजेज) द्वारा लगातार किए जा रहे भूजल दोहन और इसके परिणामस्वरूप हो रहे पर्यावरणीय असंतुलन के विरोध में आज बेगूसराय में जनसामान्य द्वारा एक विशाल ‘जनपदयात्रा’ का आयोजन किया गया। इस यात्रा में 100 से अधिक नागरिकों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की, जो बरौनी के जीरोमाइल पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुई। लगभग 15 किलोमीटर की यह पदयात्रा पपरौर, देवना और सिंघौल होते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में समाप्त हुई।
यात्रा के समापन पर, एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय को 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा। इस मांग पत्र में संयंत्र से हो रहे भूजल दोहन पर तत्काल रोक लगाने, वैकल्पिक जल प्रबंधन प्रणाली लागू करने, स्थानीय लोगों को रोजगार में 75% भागीदारी सुनिश्चित करने और पर्यावरणीय दायित्वों का कड़ाई से अनुपालन करने जैसी महत्वपूर्ण मांगें शामिल थीं।
इस ‘जनपदयात्रा’ में युवाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई, जिसमें जनप्रतिनिधि कुंदन कुमार (साइकिल पदयात्री) और सन्नी (पर्यावरण हितैषी) जैसे नाम प्रमुख थे। आंदोलन की तैयारी और समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रियम रंजन ने कहा, “बेगूसराय बेशक औद्योगिक राजधानी है, लेकिन उद्योगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। विकास का अर्थ संसाधनों का विनाश नहीं हो सकता।”
पेप्सी प्लांट के संचालन के कारण क्षेत्र के भूजल स्तर में गंभीर गिरावट दर्ज की गई है। इस समस्या से 50 से अधिक गांव और लगभग 5 लाख लोगों की जल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और पशुपालन पर आधारित अर्थव्यवस्था जल संकट के कारण लड़खड़ा रही है, जिससे स्थानीय आबादी के जीवनयापन पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
प्रमुख 11 मांगें
- भूजल आधारित कार्यों पर तत्काल रोकः जब तक वैकल्पिक जल प्रबंधन व्यवस्था स्थापित न हो जाए, भूजल आधारित सभी औद्योगिक गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।
- क्षेत्रीय जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्जीवनः स्थानीय तालाबों, झीलों और अन्य जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्जीवन किया जाए।
- स्थानीय लोगों को 75% रोजगार में भागीदारीः संयंत्र में स्थानीय निवासियों को कम से कम 75% रोजगार में प्राथमिकता दी जाए।
- संयंत्र बंद होने की दशा में कर्मियों को जीवन-यापन भत्ताः यदि किसी कारणवश संयंत्र बंद होता है, तो प्रभावित कर्मियों को समुचित जीवन-यापन भत्ता दिया जाए।
- 15 किमी दायरे में शुद्ध पेयजल की स्थायी व्यवस्थाः संयंत्र के 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी गांवों में शुद्ध पेयजल की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- BIADA भूमि पर व्यापक वृक्षारोपणः BIADA (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की भूमि पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाए।
- भूजल संरक्षण के प्रयासों की सार्वजनिक रिपोर्टिंगः संयंत्र द्वारा किए जा रहे भूजल संरक्षण के प्रयासों की नियमित और सार्वजनिक रिपोर्टिंग की जाए।
- संयंत्र परिसर में डिस्प्ले बोर्ड द्वारा प्रभावों की जानकारीः संयंत्र परिसर में ऐसे डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं जो इसके पर्यावरणीय प्रभावों और प्रबंधन उपायों की जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करें।
- जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम-1974 का प्रभावी क्रियान्वयनः जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम-1974 का कड़ाई से और प्रभावी ढंग से पालन सुनिश्चित किया जाए।
- शोध संस्थान की स्थापनाः भूजल प्रबंधन और पर्यावरणीय स्थिरता पर शोध के लिए एक समर्पित संस्थान की स्थापना की जाए।
- विलुप्त होती नदियों व स्रोतों पर जनजागरूकता अभियानः विलुप्त होती नदियों और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।