बेगूसराय में कई प्रधानाध्यापक पर गिर सकती है गाज, दस साल बाद पैसे का हिसाब किताब हुआ शुरू

न्यूज डेस्क : बेगूसराय जिले के 84 उच्च विद्यालयों को फेज वाइज प्लस टू में उत्क्रमित किया गया। जिसके बाद प्रत्येक विद्यालय को 39 लाख 50 हजार की राशि आवंटित की गई थी। लेकिन एक दशक बाद विभाग ने खर्च की गई राशि का ब्यौरा मांगा है। रिपोर्ट मांगने के पीछे का कारण यह है कि लोकायुक्त ने तल्ख टिप्पणी करते हुए शिक्षा विभाग के द्वारा खर्च का ब्यौरा मांगा गया है। इसी को लेकर सभी विद्यालय प्रधान से खर्च का ब्यौरा मांगा जा रहा है। इस सभी खर्च को लेकर खर्च की गई राशि का विवरण जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत परवीन ने सभी शिक्षकों से मांग की है।

उन्होंने कहा कि जिले में कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं, जहां के प्रधान अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। तो वहीं कई विद्यालय प्रधान ने अभी तक खर्च का हिसाब किताब का ब्यौरा वर्तमान प्रधान को हस्त गत नहीं कराया गया है। विद्यालय प्रधान के हाथ राशि उपलब्ध कराई गई। कि विद्यालय का आप विकास करेंगे उन्होंने ही विकास पर बट्टा लगाने का कार्य किया है। वही कुछ विद्यालय में सराहनीय कदम भी उठाए हैं। जिसे नकारा नहीं जा सकता है अगर विद्यालय के विकास मद में खर्च किया गया है तो उसकी खर्च पंजी जरूर होगी। या फिर राशि का दुरुपयोग किया गया होगा। इसी को लेकर सभी विद्यालय प्रधानों से रोकड़ पंजी की मांग की गई है। जिसमें कुछ शिक्षक पूर्व के विद्यालय प्रधान पर आरोप लगाया कि उन्होंने रोकड़ पंजी हस्तगत नहीं कराए हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत परवीन के नेतृत्व में बीपी कॉलेज में एक बैठक सभा आयोजित की गई। जिसमें रोकड़ पंजी के तहत सभी प्रधानाध्यापक से रिपोर्ट मांगी गई। उक्त बैठक में बहुत से शिक्षक ने अपनी फरियाद सुनाए शिक्षकों ने बताया सर मेरे पास रोकड़ पंजी ही नहीं है। पूर्व प्रधान ने खर्च का ब्यौरा ही हस्तगत नहीं कराया। कहां से लाए पुराने हिसाब किताब। बैठक में तमाम तरह के नखरे सुनने को मिले।

त्रिस्तरीय जांच कमेटी के समक्ष उपस्थित पेश करना है आपको बता दें कि लोकायुक्त बिहार पटना में संचालित विषय अंकित वाद से संबंधित है। जो प्रधान आहूत बैठक में 39 लाख 50 हजार रुपए की खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराना है।लोकायुक्त ने उक्त राशि के नियमानुसार खर्च हुई है। जांच हेतु प्रासंगिक पत्र के द्वारा गठित त्रिस्तरीय जांच कमेटी के समक्ष उपस्थित किया जाना है। सभी रोकड़ पंजी वित्तीय वर्ष 2005-06 से अद्यतन तक व्यय की गई राशि से संबंधित प्रतिवेदन विहित प्रपत्र में तैयार कर कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे।