महाराष्ट्र सरकार बिहार समेत 6 राज्यों के मजदूरों को उनके बॉर्डर तक छोड़ने को तैयार,राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार

डेस्क : पिछले 1 महीने से देश में लॉक डाउन जारी है और यही वजह है कि जो जहां पर है वहीं पर कैद होकर रह गया है और इसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ रहा है क्योंकि मजदूर जहां है वही पर फंसे हुए हैं। महाराष्ट्र में बिहारी मजदूर भी बहुत संख्या में फंसे हुए हैं और अब महाराष्ट्र सरकार बिहारी मजदूरों को बिहार के बॉर्डर तक छोड़ने के लिए तैयार हो गई है, बस राज्य सरकार के फैसले का इंतजार कर रही है।

सिर्फ बिहारी मजदूरों को ही नहीं महाराष्ट्र सरकार बिहार समेत छह राज्यों के मजदूरों को उनके राज्य भेजना चाहती है अब देखना यह है कि बिहार सरकार इन मजदूरों को लाना चाहती है या नहीं. महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजॉय मेहता ने इसको लेकर यूपी समेत कई राज्यों के अधिकारियों से बात की. उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्रेन सेवा बहाल नहीं होगी ट्रेन चलाने में सबसे बड़ी समस्या भीड़ है भीड़ से महामारी बहुत तेजी से फैलेगी. और इस कारण हम कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते हैं क्योंकि महाराष्ट्र में तो इस संक्रमण के बहुत सारे मरीज से पहले से ही है अब भीड़ बढ़ाकर और कोई जोखिम नहीं उठाना है. ठाकरे ने प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिया है कि उनके भेजने की व्यवस्था की जाएगी।

आज पीएम के साथ होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में इस मुद्दे को उठाएंगे.मुख्य सचिव ने कहा कि महाराष्ट्र में बिहार, यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के 3.8लाख मजदूर फंसे हुए हैं ऐसे में महाराष्ट्र सरकार प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य के बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए तैयार है लेकिन अब वहां की सरकार तय करेगी कि बॉर्डर से उन मजदूरों को उनको के गांव तक पहुंचाते हैं या नहीं अब उस राज्य की सरकार की यह जिम्मेदारी होगी।