मध्यप्रदेश से होली मनाने अपने घर बेगूसराय आये लालकृष्ण की उजर गयी संसार

मंझौल : 10 मार्च को होली के बीते हुए 4 दिन हो गए लोगों के ऊपर से होली का रंग भी उतर गया होगा। लेकिन मध्यप्रदेश में अपने बीबी और दो बच्चे के जिंदगी गुजर बसर करने बाले मंझौल पंचायत चार सिवरी गाँव निवासी पशुपति पोद्दार के बेटे लालकृष्ण इस साल होली में रंगों का त्योहार मनाने अपनों के पास बेगूसराय के सिवरी गाँव आया था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। होली से एक दिन पहले सोमवार होलिका दहन की शाम हुए एक सड़क हादसे ने उसकी खुशहाल जिंदगी को एक झटके में तबाह कर दिया।

अपने बेटा मनीष बेटी किंजल और पत्नी रूबी को खोए लालकृष्ण रहने लगा है बेशुद , 9 मार्च को एस एच 55 पर आरसीएस कॉलेज के समीप तेज रफ्तार अनियंत्रित टाटा 709 और ई रिक्सा में जबरदस्त टक्कर हो गई, जिसमें एक ही परिवार दो बच्चे की मौत हो गयी। जिससे  होली का रंग सिवरी ग्रामवासियों के लिये फीका हो गया।

मंझौल पंचायत चार सिवरी निवासी पशुपति पोद्दार का बेटा लालकृष्ण पोद्दार मध्यप्रदेश के  भिन्न जिला में राजमिस्त्री का काम करता था। होली में छुट्टियां मनाने सोमवार के दिन मध्यप्रदेश से अपने पत्नी और बेटा बेटी के साथ घर आया था। जिसके बाद वह सिवरी से ई रिक्सा पर सपरिवार सवार होकर छौड़ाही अपने ससुराल होली मनाने के लिये जा रहा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, ई रिक्सा अपने साइड से जा रहा था तभी मंझौल बाजार के तरफ से आ रही अनियंत्रित टाटा 709 गाड़ी ने मंझौल कोठी के समीप ई रिक्सा को सीधा सीधी टक्कर मार दी। जिससे ई रिक्सा पर सवार आधा दर्जन लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए, टक्कर इतना जोरदार था कि ई रिक्सा के परखच्चे उड़ गए,  इस दर्दनाक हादसा ने एक झटके में लालकृष्ण की पूरी दुनिया तबाह कर दी , ई रिक्सा पर लालकृष्ण की पत्नी रूबी देवी और उसका ढाई साल साल का पुत्र मनीष और एक साल की पुत्री किंजल के अलावा चालक मो सहजाद, और शाहआलम सवार थे। टक्कर के बाद मौके पर ही किंजल की मौत हो गयी।

मौके पर पहुचीं पुलिस ने सभी घायलों को बेहतर इलाज के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल ले गयी। जहां गम्भीर रूप घायल मनीष की मृत्यु इलाज के क्रम में हो गई। पांच अन्य गम्भीर रूप से घायल हो गए। एक तरफ जहां लालकृष्ण के दोनों संतान ने उसे अलविदा कह दिया वही दूसरी तरफ गम्भीर रूप से घायल उसकी पत्नी रूबी देवी हादसा के चार दिन बाद 13 मार्च शुक्रवार को के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ते लड़ते आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। इस घटना के बाद से लालकृष्ण पोद्दार को गहरा सदमा पहुँचा है लालकृष्ण के सर पर भी गम्भीर चोटें हैं। जिसे टाका देकर डॉक्टर ने सील दिया है।