जानिए नींबू- मिर्च – लहसुन क्यों लटकाते हैं लोग ? कोरोना काल में खूब हो रहे ये वैज्ञानिक टोटके

न्यूज डेस्क : वायरस जनित वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों के दैनिक जीवनशैली को तहस-नहस कर दिया है। कोरोना ने शारीरिक और मानसिक नुकसान के साथ-साथ हर मोर्चे पर आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया है। जिसका असर काम-धंधा, दुकानदारी एवं घर-परिवार के सुख-शांति पर पड़ा है। परिणाम यह है कि लोग विभिन्न तरीके से पूजा पाठ करने के साथ-साथ रोज नये-नये प्रयोग एवं टोटके का भी सहारा ले रहे हैं, ताकि इस दौर से निजात मिल सके। यही कारण है कि कोरोना काल में लोगो प्रत्येक शनिवार को नींबू, मिर्च, लहसुन, सुई एवं काला धागा को पिरोकर बने टोटके का प्रयोग घर एवं दुकान के आगे टांग कर रहे हैं। ताकि घर परिवार में सुख शांति तथा दुकानों में समृद्धि बनी रहे।

ये है तार्किक वजह , पढ़कर इंकार नहीं किया जा सकता यह टोटका कोई नया नहीं है, लंबे समय से लोग करते आ रहे हैं, लेकिन कोरोना के इस दौर में प्रयोग कुछ अधिक बढ़ गया है। इस संबंध में शनिवार को जब कुछ लोगों से बात की गई तो सामने आया कि नींबू में मौजूद तत्व आसपास के वातावरण को शुद्ध करते हैं और मिर्च का स्वाद ज्वलंत होने के कारण उसे कोई भी ज्यादा देर देखना पसंद नहीं करता। घर में सुख, शांति, समृद्धि प्राप्त करने तथा नकारात्मक शक्तियों के घर एवं दुकान में प्रवेश करने से रोकने के लिए लहसुन की कलियों को टांगते हैं, जिसके गंध के आगे बुरी शक्ति नहीं टिक पाती हैं। जबकि, काला धागा बुरी नजर को रोकती और सुई की नोंक चुभने जैसा एहसास कराती है। इसलिए वह स्थान नजर से बच जाता है। हर दुकान एवं घर-घर जाकर यह टोटका टांगने वाले बखरी मालाकार टोला निवासी श्याम मालाकार ने बताया कि वे प्रत्येक शनिवार को घुम-घुमकर घरों एवं दुकानों में इस टोटके को टांगते हैं। कोरोना काल में इसकी मांग कुछ ज्यादा बढ़ गई है, जिसके कारण नींबू, मिर्ची, लहसुन, सुई एवं काले धागे के टोटके को दो दिन पूर्व यानि गुरूवार से बनाने का काम करते हैं।

बुरी शक्तियों का नहीं होता असर , तरीका भी वैज्ञानिक समसामयिक मुद्दों पर नजर रखने वाले शिक्षक कौशल किशोर क्रांति बताते हैं कि अकसर घरों और दुकानों के द्वार पर लोग नींबू, मिर्च, लहसुन एवं सुई को काला धागा में पिरो लटका कर रखते हैं। माना जाता है कि इससे घर या दुकान में बुरी शक्तियों का प्रवेश नहीं होता लेकिन टोटके से अलग इसका खास वैज्ञानिक कारण भी है, जो ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम। वैज्ञानिक तौर पर देखें तो घर में हवा, सुगंध या दुर्गंध का आगमन घर के मुख्य द्वार से ही होता है। आमतौर पर घर या दुकान का दरवाजा ऐसे स्थान पर होता है, जहां से पूरे घर या पूरी दुकान में आसानी से प्रवेश हो सके। जाहिर है, जहां से हम घर या दुकान के हर हिस्से में आसानी से प्रवेश करते हैं, वहीं से हवा भी हर हिस्से में प्रवेश कर सकती है।

ये तो हुई घर में पहुंच की बात। वहीं, नींबू में मौजूद तत्व आसपास के वातावरण को शुद्ध करते हैं और मिर्च का स्वाद ज्वलंत होने के कारण उसे कोई भी ज्यादा देर देखना पसंद नहीं करता। इसलिए वो स्थान नजर से बच जाता है। हमारा उद्देश्य किसी टोटके को बढ़ावा देना नहीं है बल्कि, उसके पीछे के वैज्ञानिक तर्क की जानकारी आप तक पहुंचाना कर्म समझते हैं। करीब सभी लोग जानते हैं कि जिस स्थान पर नींबू का पेड़ होता है, वहां अन्य स्थानों के मुकाबले बहुत कम बैक्टीरिया होते हैं। जिसके चलते वहां का वातावरण बहुत साफ रहता है। हालांकि, नींबू का पेड़ शहर के सभी घरों में होना संभव नहीं है। इसलिए लोग घर के बाहर नींबू-मिर्च लटका लेते हैं, जिससे घर में आने वाली हवा शुद्ध हो जाए और वहां मौजूद लोगों को स्वच्छ वातावरण और साकारात्मक ऊर्जा मिल सके।

घर के बाहर नींबू-मिर्च लटकाने से पहले अकसर लोग नींबू में सूई से छेद करते हैं, या फिर उसे सूई की मदद से धागे में पिरोकर टांगते हैं। इसके पीछे लॉजिक यह है कि भीनी सुगंध हवा के जरिये अंदर के वातावरण में फैल जाती है। नींंबू के इस एंटी बैक्टीरियल खुशबू से कीड़े-मकौड़े और कीट दूर रहते हैं और हवा में भी ताजगी आती है। जिसके चलते लोग कई तरह की बीमारियों से भी बच सकते हैं। इसे कम से कम हफ्ते में एक बार बदल देना चाहिए। क्योंकि, पुराना होने पर इससे एक तरह की दुर्गंध फैलने लगती है, जो वातावरण प्रदूषित करती है। बहरहाल ऐसे कईयों टोटके हैं जो मानव जीवन को कहीं न कहीं प्रभावित करते हैं तो संवारने का भी काम करते हैं। जिसके कारण वैश्विक महामारी कोरोना के वायरस को वातावरण से दूर रखने के लिए प्रत्येक सप्ताह लोग यह टोटका कर रहे हैं।