कोरोना के डर से आप भी कैंसिल करा रहे ट्रेन टिकट, जान लें रेलवे टिकट कैंसलेशन से जुड़े नियम

डेस्क : कोरोना संक्रमण का कहर लगातार जारी है इसके मरीजों के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं।सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए यातायात के साधन समेत दूसरी चीजें भी खोल दी गई थी ताकि इतने दिन लॉकडाउन में परेशान हुए लोगों को कुछ राहत मिल सके। लेकिन छूट मिलने से संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया है।अब कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने टिकट की बुकिंग तो करा ली लेकिन अब वह कैंसिल करवा रहे हैं वह कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं ऐसे में अगर आप भी इनमें से एक हैं तो आपके लिए कुछ बातें जानना बेहद जरूरी होगा।

क्या है नियम

  • अगर आप ऐन वक्त पर टिकट कैंसिल करा रहे हैं तो आप सफर से 48 घंटे पहले इसे कैंसिल करा सकते हैं। चार्ट बनने से पहले तक ग्राहक को टिकट कैंसिल कराने की छूट मिलती है ऐसे में स्लीपर क्लास के टिकट पर प्रति पैसेंजर ₹120 चार्ज भी कटता है।
  • थर्ड टियर का टिकट कैंसिल कराने पर यह चार्ज 180 होता है जबकि एसी सेकंड टियर में इसका चार्ज ₹200 लगता है। एसी फर्स्ट क्लास का टिकट कैंसिल कराने पर ₹240 का कैंसिलेशन चार्ज लगता है।
  • अगर कोई पैसेंजर 12 घंटा पहले टिकट कैंसिल कराता है तो उसे किराए का 25 फ़ीसदी भाग रेलवे चार्ज के रूप में देना होगा। रेलवे के नियम के अनुसार 12 घंटे से लेकर चार्ट बनाने की प्रक्रिया के दौरान अगर आप टिकट कैंसिल कराते हैं तो आपको किराए का 50 फ़ीसदी तक कैंसिलेशन चार्ज भी देना पड़ेगा।
  • कंफर्म तत्काल टिकट कैंसिल कराते हैं तो आपको रेलवे की तरफ से कोई भी रिफंड नहीं मिलेगा। वहीं अगर टिकट चार्ट बनने पर किसी को आरएसी में है तो आपको रिफंड मिल सकता है इसके लिए आपको ट्रेन चलने के निर्धारित समय के बाद आधे घंटे के भीतर टीडीआर फाइनल करना होगा।

कंफर्म तत्काल टिकट पर नहीं मिलता कोई रिफंड बता दें अगर आप कंफर्म तत्काल टिकट को कैंसिल कराते हैं तो आपको कोई भी रिफंड नहीं मिलता है. वहीं, अगर आपका टिकट चार्ट बनने पर RAC रह जाता है और आप सफर नहीं करते हैं तो रेलवे आपको तभी रिफंड देता है जब आप ट्रेन के डिपार्चर के निर्धारित समय के बाद आधे घंटे के भीतर टीडीआर फाइल करते हैं. RAC और वेटिंग टिकट को कैंसल करने पर रेलवे 60 रुपए+ जीएसटी लेता है.