पिता करते हैं मजदूरी, मां ने सिलाई-कढ़ाई कर पढ़ाया, बेटी बनी टॉपर

डेस्क : किसी ने सच ही कहा है, अगर आप में कुछ करने की चाहत हो तो आपको तुफान भी आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता है। ऐसा ही कुछ करिश्मा कर दिखाया है। बेगूसराय सदर प्रखंड के सिकंदरपुर रजौड़ा ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाली मनीषा कुमारी ने उन्होंने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक रिजल्ट में पूरे बिहार में चौथा स्थान व पूरे जिला में तीसरा स्थान हासिल करके सिर्फ अपने माँ-बाप, अपने गांव, अपने शिक्षक ही नही बल्कि अपने जिला बेगूसराय और राज्य बिहार का नाम राष्ट्रीय फ़लक पर प्रतिस्थापित किया। मनीषा ने 500 के अंक में 481 अंक प्राप्त कर यह साबित किया है कि बिना निजी कोचिंग एवं ट्यूशन के भी अपनी लगन, आत्मबल, जज्बा और अपने विद्यालय के शिक्षकों के मार्गदर्शन से सफलता की सीढ़ी चढ़ी जा सकती है।

बेहद गरीब परिवार से आती है मनीषा.. मनीषा का घर पक्के छत का नहीं है। बल्कि, अपने परिवार के साथ एक खपरैल के में रहती है। कहीं-कभी तो मनीषा को किताबें खरीदने के लिए पैसे भी नहीं हुआ करते थे। लेकिन, फिर भी मनीषा हिम्मत नहीं हारी। इस आर्थिक तंगी को देखकर पिता विनोद राय अपने छोटे-मोटे खेती को छोड़कर मजदूरी करने के लिए परदेस चले गए। विनोद राय को हमेशा यही डर सता रहा था। कही परिवार भूखा ना सो जाए। और बिटिया को पढ़ने में कोई दिक्कत ना आए।

आर्थिक तंगी को देख मनीषा की मां सिलाई कढ़ाई का काम करने लगी.. जब पिता के पैसे से घर नहीं चलने लगा तो मनीषा की मां भी घर को चलाने के लिए सिलाई कढ़ाई का काम शुरू कर दिया। मनीषा भी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी मां के साथ सिलाई कढ़ाई में भी हाथ बटाती थी। दरअसल, मनीषा कुमारी की मां अनुपम देवी अपने परिवार की दयनीय हालत को देखते हुए घर में ही सिलाई कढ़ाई का काम करती है। तथा आर्थिक संकट दूर करने में अपने पति का हाथ बटाती है।

लाॅक डॉन के पीरियड में घर में रहकर की तैयारी.. जब पूरे देश में करोना महामारी के चलते लॉकडाउन लग गया था। और क्षेत्र के सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गये थे। उस वक्त भी मनीषा हार नहीं मानी। बल्कि, मनीषा ने घर में ही रह कर पूरी लगन के साथ परीक्षा की पुरी तैयारी की। आज उसी तैयारी का परिणाम आया है। और इस मुकाम को हासिल किया है। मनीषा की मां अनुपम देवी ने बताया मनीषा शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में अव्वल रही है। और शांत स्वभाव होने की वजह से परिवार एवं गांव के लोगों की भी लाडली रही है।

सेल्फ स्टडी के बदोलत ही यह सफलता हासिल किया मनीषा ने बताया कि सेल्फ स्टडी, परिवार के भरपूर सहयोग और अपने विद्यालय राजकीयकृत श्री सीताराम राय उच्च विद्यालय के शिक्षक राजाराम सर, नंदू सर सहित पूरे विद्यालय परिवार के सहयोग व प्रेरणा से ये सफलता हासिल हुई है। आगे मनीषा ने बताया मै इसी लगन के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हूँ । और आगे भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में जाकर देश की सेवा करना चाहती हूँ ।