बेगूसराय में भारी बारिश से किसानों के फसल की हो रही है क्षति , बालियों से लदा धान हुआ तबाह

न्यूज डेस्क : इस वर्ष जिले में प्रारंभ के दिनों से अच्छी बरसात को देखते हुए धान के रकबे में काफी बढ़ोतरी हुई। बेगूसराय के विभिन्न प्रखंडों से मिली सूचना के अनुसार इस वर्ष 2550 एकड़ में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित था जिसके विरुद्ध 4192 एकड़ में धान की खेती की गई, पिछले रात भर हुई तूफानी हवा के साथ बारिश ने किसानों के सपने को झकझोर कर रख दिया, विभिन्न पंचायतों से आ रही खबर के अनुसार किसानों के धान की व्यापक क्षति हुई है।

छौड़ाही प्रखण्ड के एकंबा पंचायत के किसान सलाहकार अनीश कुमार ने बताया पिछले 2 वर्षों से अच्छी बारिश को देखकर धान के रकवे मे काफी बढ़ोतरी हुई, धान के आरंभिक दिनों में भी अत्यधिक बारिश से निचले क्षेत्र के फसलों को काफी नुकसान हुआ था और अब चित्रा नक्षत्र की तूफानी बारिश जब किसान अपनी फसल को काटने के लिए सोच रहे थे तो उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया, शायद ही ऐसा कोई प्लॉट दिख जाए जिसमें धान पूरी तरह खड़ा मिलेगा।

दूसरी और किसान रबी की बुवाई में भी जुट गए जिसमें मसूर सरसों आदि फसलों की बुवाई कर दी इन फसलों को भी नुकसान होने की संभावना है, इनके बीज अंकुरण से पूर्व ही गल जाएंगे, इसके अलावा गन्ना की फसल को भी व्यापक क्षति हुई है, ज्यादातर गन्ना के फसल धराशाई हो चुके हैं, जलजमाव से किसानों के लिए एक बड़ी समस्या दिखाई देने लगी है रवि फसल के शोइंग में और भी विलंब होगी।

किसानों के साथ सबसे बड़ी विडंबना यह है कि आज से लगभग 4 वर्ष पूर्व तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बिहार में लागू था जिस में मामूली प्रीमियम पर किसानों के फसल नष्ट होने पर हजार -लाख रुपैया आसानी से उनके खाते में आ जाता था, लेकिन बिहार में जब से इसे बंद कर मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना लागू किया गया किसानों को फसल क्षति के विरुद्ध कुछ भी हाथ नहीं लगा, किसानों में काफी मायूसी छाई हुई है, जिसका हल सरकार को ढूंढना होगा।