फरवरी से शुरू होने जा रहा है गँगा पर नए पुल का निर्माण, 1700 करोड़ से ऊपर की लागत से होगा तैयार

डेस्क : इस वक्त बिहार में नए पथ निर्माण की बैठक चल रही है आपको बता दें कि हाल ही में 120 बाईपास का प्रोजेक्ट पास किया गया है जिस को पूरा करने के लिए 3 साल का समय निर्धारित है। इस पथ निर्माण के लिए अधिक से अधिक जाम को कम करने पर जोर दिया जाएगा आपको बता दें कि इसी के साथ अब बिहार में महात्मा गांधी सेतु पुल की तरह चार लेन का पुल निर्माण किया जा रहा है जिसका कार्य फरवरी में शुरू होना है इस पुल की लंबाई 15 किलोमीटर रहेगी और 1700 करोड़ से ऊपर का खर्चा आएगा।

हालांकि, इस पुल निर्माण के लिए रजामंदी मिल चुकी है आपको बता दें कि यह पुल गायघाट परियोजना स्थल पर होकर गुजरेगा इसके लिए गायघाट का परीक्षण भी किया गया है। कई अधिकारियों ने जाकर जगह का निरीक्षण किया जिसमें पूर्व पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव और वर्तमान पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडे मौजूद थे। इस पुल को पूरा करने के लिए 42 महीने का समय दिया गया है और जैसे ही यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा तो उत्तर से दक्षिण बिहार आने जाने के लिए आसानी हो जाएगी।

यह गांधी सेतु पुल के समान बनने वाला पुल है जिसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। पुल के लिए जितनी भी जमीन की लागत है वह भी लिख दी गई है। एवं आठ लेन का फ्लाईओवर और चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर के साथ 9 बॉक्स कल्वर्ट पुलिया 12 मीटर स्पेन और 24 मीटर स्पेन के अंडरपास तैयार होने जा रहे हैं नए पुल का निर्माण अप्रोच रोड जो पटना में स्थित है जीरोमाइल से शुरू किया जाएगा और हाजीपुर के बीएसएनल चौक तक ले जाया जाएगा इसका मात्र उद्देश्य है कि जितना ज्यादा हो सके बिहार के पथ निर्माण को सजग बनाया जा सके और जाम की व्यवस्था को सुधारा जा सके।

इस पुल पर योजना के तहत रोड वैशाली और सारण जिले के मध्य से होकर गुजरता है बताया जा रहा है कि इस पुल को 3 वर्ष में पूरा किया जाएगा साथ ही पुल तैयार होने के 10 साल बाद तक जिस कंपनी ने पुल बनाया है वह इसका रखरखाव करेगी आपको बता दें की यह पूर्व प्रधानमंत्री पैकेज का हिस्सा है। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस पुल का शिलान्यास किया गया था। सड़क निर्माण से राज्य को एक अलग सूरत मिलती है जिसके लिए सरकार हर मुमकिन प्रयास करने को तैयार है। आपको बता दें कि सड़क निर्माण से ना सिर्फ लोगों को आने जाने की जरूरत होती है बल्कि राज्य में नए वाणिज्यिक स्तर पर भी गति मिलती है। चाहे उद्योग हो व्यापार हो या पर्यटन हो हर चीज में परिवर्तन आता है जो कि राज्य के लिए बेहतर साबित होता है।