बेगूसराय : महागठबंधन की सियासत में वामदल के सामने कांग्रेस व राजद ने सिटिंग सीट किया कुर्बान

डेस्क : बिहार में महागठबंधनों की उलझती राजनीति में बेगूसराय की सात सीटों की गुत्थी भी उलझती जा रही है। एक तरफ महागठबंधन में शामिल दलों ने सीटों के तालमेल की सहमति पर मुहर लगा दी है। उससे भीआईपी अलग हो चुकी है। लेकिन, वामपंथी दलों के इसमें शामिल हो जाने से स्थिति कम से कम बेगूसराय जिले में तो महागठबंधन के दलों के कुछ गडमगड जरूर हो गए है।

महागठबंधन के दलों की घोषणा के अनुसार जिले की चार सीटों को वाम दलों के हिस्से किया गया है। इनमें बछवाड़ा,तेघडा, मटिहानी और बखरी शामिल हैं।अब विडम्बना है कि बछवाड़ा की सीट कांग्रेस की सीटिंग सीट है। यहां से पिछले 2015 में कांग्रेस के रामदेव राय जीते थे। उनका पिछले दिनों निधन हो गया। इस बार उनके पुत्र यहां से टिकट के दावेदार थे और सीटिंग सीट की वजह से इसका कांग्रेस कोटे में आना तय माना जा रहा था। लेकिन, महागठबंधन में यह सीट सीपीआई को देने की बात कर दी गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यहां दोस्ताना मैच होता है या फिर सीपीआई ही लडती है।

इसी तरह मटिहानी से कांग्रेस के उम्मीदवार अभय कुमार सिंह सारजन के उतरने की चर्चा थी। महागठबंधन में यह सीट सीपीएम को दे दी गयी है। सीपीएम यहां से कभी नहीं जीती है और न ही दूसरे स्थान पर रही है। जबकि,2010 के चुनाव में कांग्रेस के अभय कुमार सिंह सारजन दूसरे स्थान पर रहे थे। अब सीपीएम कोटे में इस सीट के जाने से गडम्गड्ड की स्थिति बनी है। बछवाड़ा और मटिहानी की सीटें वामदलों को महागठबंधन में मिलने से कांग्रेस खेमे में हलचल तेज हैं। जिले के कांग्रेसी इसे पचा नहीं पा रहे हैं। बता दे बखरी राजद की सीटिंग सीट है। अब वह अपने विधायक का टिकट काटकर उस सीट को सीपीआई को दे दिया है। राजद का खेमा इसे लेकर मायूस हैं। महागठबंधन की वर्तमान सीट शेयरिंग में चार पर वामदल,दो चेरियाबरियारपुर और साहेबपुर कमाल पर राजद और एक सीट सिर्फ बेगूसराय कांग्रेस खेमे में गिनी जा रही है‌।