Budhi Gandak River RCC Bridge

अब नाव नहीं, पुल से जुड़ेंगे चेरिया और बरियारपुर – बूढ़ी गंडक नदी पर RCC पुल को मिली मंज़ूरी…

Budhi Gandak River RCC Bridge : बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल अंतर्गत चेरिया घाट पर दशकों से लंबित आरसीसी पुल निर्माण को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग ने बूढ़ी गंडक नदी पर चेरिया घाट और मोहनपुर घाट पर दो बड़े पुलों के निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

चेरिया घाट पर प्रस्तावित पुल की लंबाई 278.96 मीटर होगी और इसकी अनुमानित लागत 24 करोड़ 80 लाख 23 हजार रुपये तय की गई है। ग्रामीण कार्य विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर भागलपुर के अधीक्षण अभियंता को तकनीकी मंजूरी के लिए भेज दिया है। वहीं, खोदाबंदपुर प्रखंड के मोहनपुर घाट पर भी इतने ही लंबे पुल का निर्माण 24.57 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित है।

40 वर्षों की मांग को मिली स्वीकृति

यह पुल केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि 40 वर्षों से उपेक्षा झेल रहे चेरिया गांव और इसके आसपास के दर्जनों गांवों के लिए जीवनरेखा साबित होगा। स्वतंत्रता के बाद से ही इस घाट पर पुल निर्माण की मांग उठती रही थी। वर्ष 1990 में तत्कालीन विधायक रामजीवन सिंह के कार्यकाल में ग्रामीण नेताओं जैसे मणिकांत राय, राय रामनंदन शर्मा और राजकिशोर राय की अगुवाई में इस आंदोलन ने गति पकड़ी, लेकिन निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। विक्रमपुर, इसफा, रामपुर घाट जैसे इलाकों में पुल बन गए, लेकिन चेरिया गांव के लोग मलही नाव से पार जाने को मजबूर रहे। महिलाओं को प्रसव के लिए, छात्रों को स्कूल जाने के लिए और बुजुर्गों को अस्पताल पहुंचने के लिए नाव ही एकमात्र विकल्प रहा।

लोकसभा चुनाव बहिष्कार बना टर्निंग पॉइंट

2024 के लोकसभा चुनावों में जब ग्रामीणों ने पुल की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया, तब यह मुद्दा सुर्खियों में आया। सांसद गिरिराज सिंह का ‘गमछा विवाद’ भी इसी पुल से जुड़ा हुआ था। इसके बाद सांसद ने इस मुद्दे पर प्राथमिकता से काम करने का भरोसा दिया और अब सोशल मीडिया पर उन्होंने आधिकारिक रूप से इसकी स्वीकृति से जुड़ा पत्र साझा कर जनता को खुशखबरी दी है।

जनता में खुशी की लहर

भीठसारी पंचायत की मुखिया सरस्वती देवी कहती हैं, “मुखिया बनने के बाद से ही हम लगातार सभी जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे थे। अब सपना साकार होता दिख रहा है।” गांव के युवा अंकित कुमार इसे चेरिया क्षेत्र के लिए ‘विकास का वरदान’ मानते हैं। दोनों पुलों के लिए अब तकनीकी स्वीकृति मिलते ही निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उम्मीद है कि इसी वित्तीय वर्ष में निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा।

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