Chakia-Lakhminia Bypass Road : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ‘प्रगति यात्रा’ के दौरान की गई बड़ी घोषणा पर एक बार फिर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। 18 जनवरी 2025 को चकिया से लखमिनिया तक नई बाईपास सड़क निर्माण की जो सौगात दी गई थी, उसका टेंडर अब रद्द कर दिया गया है। इससे बाईपास निर्माण कार्य पर फिलहाल विराम लग गया है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के महज 17 दिनों के भीतर इस योजना को केबिनेट की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई थी। पथ निर्माण विभाग की ओर से इसके लिए कुल 393.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। 38.20 किलोमीटर लंबी इस सड़क में 33.20 किलोमीटर हिस्सा सुरक्षित वन क्षेत्र से होकर गुजरता है, जिसके लिए वन विभाग की ओर से अब तक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं किया गया है।
पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख (कार्य प्रबंधन) की ओर से 28 जुलाई को जारी पत्र के मुताबिक, एनएच-31 बीटीपीएस चकिया से लखमिनिया-बलिया वाया गुप्ता लखमिनिया तक प्रस्तावित सड़क निर्माण के लिए आमंत्रित टेंडर की तकनीकी बीड को रद्द कर दिया गया है। विभागीय निविदा समिति ने दो निविदाकारों—एसएनपी एचसीएपीएल और रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को तकनीकी स्तर पर सफल घोषित किया था।
हालांकि, इस निर्णय के विरुद्ध असफल निविदाकार एमजी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद 6 जून को तकनीकी बीड मूल्यांकन समिति की पुनः बैठक हुई, जहां विवादित बिंदुओं और एनओसी के अभाव को ध्यान में रखते हुए समिति ने टेंडर को रद्द करने की अनुशंसा की।
टेंडर रद्द होने की वजह से फिलहाल बाईपास परियोजना अटक गई है। अगर यह सड़क बनती तो पटना से आकर बीहट व बेगूसराय शहर की भीड़-भाड़ से बचते हुए यात्री सीधे बलिया होकर खगड़िया की ओर आसानी से जा सकते थे। स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए यह बाईपास एक बड़ी राहत मानी जा रही थी, लेकिन अब निर्माण शुरू होने में और देरी तय मानी जा रही है।