खर्च का ब्यौरा नहीं देनेवाले प्रत्याशी नहीं लड़ सकेंगें पंचायत चुनाव

न्यूज डेस्क : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा होना भले ही अभी बाकी हो, लेकिन चुनाव आयोग हर स्तर पर तैयारियां शुरू कर रखी है। प्रतिदिन निर्वाची पदाधिकारियों को पंचायत चुनाव को लेकर आदेश निर्देश आते रहते हैं।ऐसे में एक महत्वपूर्ण तथ्य और बुरी खबर वैसे प्रत्याशियों के लिये है। जिन्होंने वर्ष 2016 में पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों के लिये उम्मीदवार रहें हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने हाल ही में निर्वाची पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वैसे उम्मीदवार जो मुखिया,सरपंच,जिलापार्षद,पंचायत समिति सदस्य और वार्ड पंच सदस्य पद के चुनाव लड़े और निर्धारित तिथि को खर्च का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया है।

वैसे प्रत्याशियों की डिटेल राज्य निर्वाचन आयोग के बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश निर्वाची पदाधिकारियों को दिये गये हैं।ऐसे में पंचायत चुनाव 2021 में किसी भी पद से चुनाव लड़ने की तैयारियां उम्मीदवार कर रहें हैं,और पिछले चुनाव में उम्मदवारी देकर खर्च का ब्यौरा नहीं दिया हो तो वैसे प्रत्याशियों का इस बार जनप्रतिनिधि बनने के सपने और मंसुबे पर पानी फिरने के किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्ती बरतते हुये ऐसे प्रत्याशियों की सुची तैयार कर आयोग के बेवसाइट पर सभी तरह की जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया है।

बताया जाता है कि चुनाव में उम्मदवारी देने के बाद परिणाम घोषित होने के साथ ही चुनावी खर्च का ब्यौरा देने के लिये विगत चुनाव में 19 जुलाई 2016 की तिथि निर्धारित थी।इस तिथि तक सभी प्रत्याशियों(जीते हारे और चुनाव मैदान में भाग्य अजमा रहे सभी)को चुनावी खर्च का ब्यौरा वाउचर के साथ दिया जाना आवश्यक था,लेकिन प्रखंड कार्यालय के सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छौड़ाही में भी विभिन्न पदों के लिये चुनाव लड़े प्रत्याशियों ने बड़े पैमाने पर चुनाव खर्च का ब्यौरा अब तक उपलब्ध नहीं करवाया है।प्रत्याशियों इस लापरवाही और आयोग के कड़े तेवर के बाद यह माना जा सकता है कि इस तरह के उम्मीदवार का चुनाव लड़ने पर तलवार लटक सकती है।

जानकारों की माने तो विभिन्न पदों के सबसे ज्यादा वैसे उम्मीदवारों ने खर्च का ब्यौरा नहीं जमा कराया जो हार गये अथवा दुर दुर तक लड़ाई से बाहर रहे।इसमें सर्वाधिक संख्या वार्ड और पंच सदस्यों के पद के उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट होने की प्रबल संभावना है.वहीं मुखिया,सरपंच,पंसस एवं जिलापार्षद के वैसे उम्मीदवार जो चुनावी मैदान में दुर दुर लड़ाई में नहीं रहे।वैसे कुछ उम्मीदवारों ने भी खर्च का ब्यौरा देने में आलस बरती है। जो आयोग के कड़े तेवर के बाद वैसे उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में आने के रास्ते को बंद करने पुरी संभावना को बलवती कर रहा है।फिलहाल बीडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों के सहयोग से ऐसे प्रत्याशियों की सुची तैयार करने में जुट गये हैं।अब ऐसे उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ना तय है।

क्या बोले बीडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी ? खर्च का ब्यौरा नहीं देनेवाले प्रत्याशियों की संख्या तैयार कर राज्य निर्वाचन आयोग के बेवसाइट पर अपलोड करने की जा रही है तैयारियां।पंचायत चुनाव लड़कर खर्च का ब्यौरा नहीं दिये जानेवाले विभिन्न पदों के उम्मीदवारों की सुची तैयार करने का काम प्रखंड कार्यालय में प्रारंभ कर दिया गया है। हलांकि चुनाव खर्च का ब्यौरा 19 जुलाई 2016 तक ही जमा करने के आदेश थे,लेकिन जिन प्रत्याशियों ने दिलचस्पी नहीं दिखायी होगी।उन्हें दिक्कत हो सकती है।

खर्च का ब्यौरा नहीं जमा करनेवाले प्रत्याशियों की सुची तैयार कर राज्य निर्वाचन आयोग के बेवसाइट पर जल्द अपलोड कर दिया जायेगा,और फिर जैसा गाईडलाईन प्राप्त होगा।वैसे उम्मीदवारों पर उस तरह के नियमों का पालन नियमानुकुल किये जायेंगें।प्रत्याशियों के लिये अभी भी मौका है कि चुनाव खर्च का ब्यौरा शपथ पत्र विभिन्न मद में खर्च किये गये राशि के भाउचर के साथ प्रखंड निर्वाचन कार्यालय में जमा कर सकते हैं,लेकिन निर्वाचन विभाग अपने में जुटा हुआ है।