Begusarai Breaking News : बेगूसराय से दिल्ली जा रही एक निजी बस गुरुवार तड़के भयावह हादसे का शिकार हो गई। दरअसल, लखनऊ के किसान पथ पर सुबह करीब 4:40 बजे चलती बस में अचानक भीषण आग लग गई। चंद मिनटों में ही आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में दो मासूम बच्चों समेत पांच यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई यात्री झुलस गए हैं।
पुलिस के अनुसार, यह हादसा लखनऊ के रायबरेली रोड स्थित कल्ली पश्चिम के पास किसान पथ पर हुआ। हादसे के समय अधिकतर यात्री गहरी नींद में थे। आग लगने के बाद अफरा-तफरी मच गई। कुछ यात्री गेट की ओर भागे तो कुछ खिड़कियां तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे, लेकिन खिड़कियों में लगी लोहे की रॉड के कारण उन्हें बाहर निकलने में भारी दिक्कत आई।
चलती बस में आग, 5 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) May 15, 2025
UP के लखनऊ में किसान पथ पर हादसा। बिहार से नई दिल्ली जा रही बस में अचानक आग लग गई। यात्रियों को बाहर निकलने का मौका भी नहीं मिला। pic.twitter.com/GeGWzXZM2h
हादसे के दौरान बस का ड्राइवर और कंडक्टर तुरंत कूदकर भाग निकले। इसके बाद भी करीब एक किलोमीटर तक बस आग की लपटों के बीच दौड़ती रही, जिससे आग और तेजी से फैलती गई। कुछ ही देर में बस पूरी तरह जलकर राख हो गई। बस में करीब 60 यात्री सवार थे।
BREAKING: Private bus travelling from Bihar to Delhi catches fire in Lucknow, 5 dead pic.twitter.com/OsdgVRby7N
— Vani Mehrotra (@vani_mehrotra) May 15, 2025
मृतकों की पहचान
पुलिस के अनुसार अब तक जिन पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, उनमें तीन की पहचान हो चुकी है:
- लक्ष्मी देवी (55 वर्ष)
- सोनी कुमारी (26 वर्ष)
- देवराज (3 वर्ष)
- साक्षी (1 वर्ष)
एक मृत पुरुष की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है।
दमकल टीम समय पर पहुंची, लेकिन…
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने फायर स्टेशन को सूचना दी। दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। फायर ब्रिगेड ने किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इधर, पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि बस का इमरजेंसी गेट नहीं खुला, जिससे कई लोग अंदर ही फंसे रह गए।
यात्री बोले: ‘जैसे मौत का तांडव था’
हादसे में बाल-बाल बचे एक यात्री ने बताया, “हम सब सो रहे थे, अचानक चीख-पुकार मच गई। आंख खुली तो चारों तरफ आग ही आग थी। किसी तरह खिड़की का शीशा तोड़कर बाहर कूदे। वो मंजर जैसे मौत का तांडव था।”