बेगुसराय : पहले कोरोना और अब मौसम की मार,किसानों का हाल है बेहाल

मंझौल / बेगुसराय : जिले के किसानों की मेहनत और खेतों में लगाई हुई पूंजी दाव पर है। बीते दिनों से रुक रुक मौसम ने एकाएक करवट बदल रहा है। शुक्रवार को आसमान में घने बादल छाये रहे । मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बाद जैसे ही मौसम ने करवट बदला, बखरी, खोदबन्दपुर , छौड़ाही मंझौल, तेघरा, बछवाड़ा, बलिया , शामहो , मटिहानी कावर सहित जिले भर के किसानों में मायूसी छा गयी है। हालांकि पूर्व बारिश के दौरान पत्थर गिरने और हवा तेज होने से मक्का, लीची , दलहन , आम सहित अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। वही लगभग 30% से भी ज्यादा किसानों के खेत में गेंहू और भूसा पर भी मौसम की मार जारी है।

Farmer

जानकारों की माने तो तात्कालिक समय में आंधी तूफान, बारिश होने से दलहन, मक्का, गेहूं के फसलों को नुकसान हो सकता है। बेगुसराय के किसानों में महीनों के मेहनत पर पानी फिरने की सम्भावना को लेकर चिंता की लकीरें माथे पर साफ  झलक रही है। बारिश होने से वातावरण में आद्रता आ गयी। जिसके वजह से ठंड का माहौल बना हुआ है। किसान कमल किशोर सिंह ने बताया कुछ दिनों हो रहे बारिश में गेहूं और दलहन की फसल को क्षति पहुंची है और अब फिर से बारिश होने से किसानों द्वारा खेतों में लगाई हुई पूंजी को लेकर डूबने की आशंका व्याप्त है।

उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय के घोषणा के बाद किसानों को फसल की क्षतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया लेकिन स्थानीय कृषि विभाग के कर्मचारियों की उदासीनता से ज्यादरतर किसान क्षतिपूर्ति के लाभ से वंचित हैं। विभाग के इस रवैये से किसानों में आक्रोश भर रहा है। वहीं जब ये प्रकिया पूरी हुई थी तो बेगुसराय के कृषि पदाधिकारी के द्वारा बेगुसराय जिले के किसानों के लिए मुआवजा की बात कृषि मंत्रालय तक नहीं पहुंचाने से बेगुसराय के किसानों को फसल क्षति मुआवजा से भी वंचित रहना पड़ेगा।