धरती माता को बचाने के लिए देश के किसान यूरिया का प्रयोग कम करें, ये बेहद नुकसानदेह – प्रधानमंत्री

डेस्क : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस पर 24 अप्रैल को पंचायतों को संबोधित किया। कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए कार्य करने वाले कुछ ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों के प्रतिनिधियों से भी बात किया। प्रधानमंत्री ने एकीकृत ग्राम स्वराज पोर्टल को भी लांच किया जिसके जरिए गांव की विकास परियोजना पर नजर रखी जाएगी। अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि कोरोना हमारे काम करने का तरीका ही बदल दिया है और इस महामारी ने हमारे सामने कई बड़ी बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है लेकिन हमें डरना नहीं है आत्मनिर्भर बनने का भी सबक सीखना है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि मेरे स्वराज कल्पना का आधार ग्राम स्वराज ही है इसलिए ग्राम पंचायत हमारे लोकतंत्र की एकजुट शक्ति का केंद्र है। हमारे यहां शास्त्रों में भी कहा गया है कि बड़ी से बड़ी शक्ति का केंद्र एकजुटता में ही है इसलिए आज की परिस्थिति में देश को आगे ले जाने की शुरुआत इस देश को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत गांव की सामूहिक शक्ति से ही है। आप सभी की एकजुटता से यह संभव हो सकेगा।

किसान का स्वस्थ होना जरूरी : उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि किसानों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है क्योंकि वह हमारे अन्नदाता है और निस्वार्थ भाव से देशवासियों का पेट पालते हैं किसान और पशुपालक साथियों ने लॉक डाउन के समय देश को अनाज, दूध, दही, फल की कोई कमी नहीं होने दी। विश्वास से जीत सकते हैं लड़ाई मोदी ने कहा कि सरकार और जनता के बीच जब विश्वास होता है तो कितने भी बड़े से बड़े संकट को हम पार कर लेते हैं इसलिए अब वह लड़ाई हम जीत जाएंगे क्योंकि उस लड़ाई में विश्वास है खुद पर ही विश्वास है और व्यवस्थाओं पर ही विश्वास है। सरपंचों से प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कल मुझे गांव के प्रधान से भी बात करने का सौभाग्य मिलता है और दुनिया के बड़े-बड़े देशों के प्रधान से भी बात करने का मौका मिलता है कभी-कभी मुझे लगता है कि जीवन की सच्ची शिक्षा की परीक्षा संकट के समय ही होती है और इस कोरोना संकट में देश के गांवों के लोगों ने अपने संस्कारों और परंपराओं की शिक्षा के अद्भुत दर्शन कराए हैं।

लॉन्च हुए एप इ- ग्राम स्वराज : इसके जरिए ग्राम पंचायतों के फंड उसके कामकाज की पूरी जानकारी होगी और इसके माध्यम से पारदर्शिता भी आएगी। परियोजनाओं के काम में तेजी भी आएगी. स्वामित्व योजना से ग्रामीण को एक नहीं अनेक लाभ होंगे इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे. इससे गांव में विकास योजनाओं की योजना बनाने में भी मदद मिलेगी और शहर की तरह गांव में भी आप बैंक से लोन ले सकेंगे।

गांव में किया जा रहा है 2 गज दूरी के मंत्र का पालन : पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि गांव वालों ने अपने संस्कारों और अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं गांव से जो भी अपडेट रहा है वह बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है। आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है कि ‘2 गज दूरी का या कहें दो ग़ज़ देह की दूरी’ का इस मंत्र के पालन गांव में बहुत ध्यान से रहा है। जारी है देश को आगे बढ़ाने का काम प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई लेकिन इस दो-तीन महीनों में हमने यह देखा कि भारत के नागरिक सीमित संसाधन के बीच अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय उनसे टकरा रहे हैं लोहा ले रहे हैं यह सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ दिखाते हुए नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए नए नए तरीके खोजते हुए देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम निरंतर जारी है।

यूरिया के कम इस्तेमाल पर जोर : पठानकोट की सरपंच पल्लवी ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपने गांव में दोनों प्रवेश द्वार पर नाके लगाए हैं और इन दरवाजों पर गांव के लोग निगरानी कर रहे हैं, जिससे कि लोग ना गांव से बाहर जाएं और ना अंदर आ सकें। इसके अलावा फसलों की कटाई के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनका भी गांव के लोग पालन कर ही रहे हैं। पांच गांव की एक मंडी बनाई गई है, जहां पर्ची देकर ही किसानों को प्रवेश दिया जा रहा है। पीएम ने इसपर पल्लवी को बधाई दी और देश में खाद्यान्न की आपूर्ति करने वाले किसानों को बधाई भी दी। पंजाब में अपने संगठन में काम करने के दिनों के याद करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने पंजाब में काफी वक्त बिताया है। पीएम ने पंजाब और हरियाणा के किसानों से अपील की कि वे यूरिया के इस्तेमाल को कम करें। धरती माता को बचाने के लिए देश के किसान यूरिया बेहद नुकसानदे।