बरौनी रिफाइनरी ने पूरे किए स्थापना के 57 साल, जानिए- इनसे जुड़ी कुछ खास बातें..

डेस्क: भारत के दूसरे हरित ईंधन उत्पादक इंडियन ऑयल का बरौनी रिफाइनरी शनिवार को 57 साल का हो गया। 15 जनवरी, 1964 को तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री डॉ हुमायूँ कबीर ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया था। आपको बता दें कि देश को आजादी मिलने के बाद सभी क्षेत्रों में पेट्रोलियम पदार्थों की उपलब्धता के लिए जब रिफाइनरी बनने की मांग उठी तो बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह के प्रयास से ही इस रिफाइनरी का चयन हुआ था। इसके बाद आजाद भारत की पहली रिफाइनरी के रूप में बरौनी रिफाइनरी का निर्माण सोवियत यूनियन के सहयोग से 49.40 करोड़ रुपये की लागत से 1964 में एक मिलीयन मैट्रि‍क टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) की क्षमता के साथ हुआ।

मालूम हो कि पीएम मोदी के द्वारा बरौनी रिफाइनरी के विस्तार हेतु कच्चे तेल की संसाधन क्षमता को छह से बढ़ाकर नौ मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष कर दिया है, वही वर्तमान समय में रिफाइनरी परिसर में नई यूनिटों की स्थापना, यूनिटों के पुनरुद्धार, ऑफसाइट सुविधाओं में सुधार आदि द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। इसके साथ ही विश्वस्तरीय पॉलिप्रोपिलीन यूनिट भी कमीशन होगी, जिससे डाउनस्ट्रीम प्लास्टिक उद्योगों का मार्ग प्रशस्त होगा।

बता दे की बरौनी रिफाइनरी को 1965 में असम के कम सल्फर कच्चे तेल (स्वीट क्रूड) को संसाधित करने के लिए डिजाइन किया गया था। वही वर्तमान समय में रिफाइनरी को पश्चिम बंगाल स्थित हल्दिया के पारादीप से पाइपलाइन के द्वारा कच्चा तेल प्राप्त होता है। बरौनी रिफाइनरी में विभिन्न सुधारों और विस्तार परियोजनाओं के साथ उच्च सल्फर क्रूड को संसाधित करने की क्षमता को जोड़ा गया है। जो सऊदी अरब और इराक जैसे मध्य पूर्व के देशों से आयातित होता है। उच्च सल्फर कच्चा तेल, कम सल्फर कच्चे तेल से सस्ता होता है। बरौनी रिफाइनरी मुख्य रूप से डीजल उत्पादक रिफाइनरी है, इसका 54 प्रतिशत से अधिक उत्पाद मिश्रण एचएसडी के रूप में है।

बरौनी रिफाइनरी बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की मांग को पूरा करता है। जबकि, पड़ोसी मुल्क नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन बरौनी रिफाइनरी को एलपीजी समेत अन्य ईंधन आयात करता है। वही बरौनी रिफाइनरी से इन सभी चीजों का निर्यात किया जाता है, केरोसिन, पेट्रोल, एलपीजी, नेप्था, कच्चा पेट्रोलियम कोक, फर्नेस ऑयल, कार्बन ब्लैक फीड स्टॉक, सल्फर और कोलतार है।