Begusarai Red Light Area : बेगूसराय जिले के बखरी अनुमंडल क्षेत्र का कथित रेड लाइट एरिया अब अपराध का मजबूत अड्डा बनता जा रहा है। देह व्यापार, मानव तस्करी, ब्लैकमेलिंग और बिचौलियों के नेटवर्क की जद इतनी गहरी हो चुकी है कि छिटपुट पुलिस कार्रवाई का इस पर कोई खास असर दिखाई नहीं देता।
स्थानीय लोग डर, शर्म और प्रताड़ना के भय से खुलकर बोल नहीं पा रहे, लेकिन हालात लगातार भयावह रूप ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नदैल चौक, आशा पोखर मुख्य बाज़ार के पेट्रोल पंप के पीछे और सोनमा, बखरी अनुमंडल के कई इलाकों में शाम ढलते ही संदिग्ध गतिविधियों में तेजी आ जाती है। कई झोपड़ियों, कमरों और किराये के मकानों में यह नेटवर्क खुलेआम संचालित बताया जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की गाड़ी गश्त लगाकर निकल जाती है, लेकिन धंधा रुकने के बजाय और फैलता जा रहा है। मानव तस्करी के कई मामलों में झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम और नेपाल से लड़कियों को बहला-फुसलाकर लाए जाने की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। कई परिजनों को महीनों तक पता नहीं चलता कि उनकी बेटियाँ किस हालत में हैं और कहाँ हैं।
कुछ युवतियों ने बताया कि उन्हें नौकरी, सामान बेचने या शादी का झांसा देकर बुलाया गया था। यहां पहुंचते ही मोबाइल छीन लिया जाता, मारपीट कर कमरे में बंद रखा जाता और जबरन ग्राहकों के साथ भेजा जाता।
कुछ वर्ष पहले एक युवक ने अपनी लापता बहन को बखरी के ही एक कथित ठिकाने से निकाला था। परिवार ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन इसके पहले ही संचालकों को भनक लग गई और पूरा कमरा खाली करा दिया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि संचालकों और पुलिस के बीच मजबूत संपर्क होने के कारण हर बार छापेमारी से पहले उन्हें खबर मिल जाती है।
स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि पुलिस की टीम छापेमारी तो करती है, लेकिन केवल छोटे आरोपितों को पकड़ती है, जबकि बड़े संचालक आसानी से फरार हो जाते हैं। तो सवाल यही है कि अगर स्थानीय लोग इस पूरे नेटवर्क को पहचानते हैं, तो फिर प्रशासन इसे 24 घंटे में ध्वस्त क्यों नहीं कर पाता?


