Cheria Bariarpur Assembly Constituency : बिहार विधानसभा चुनाव में परिवारवाद और वंशवाद का विरोध करने वाली जदयू इस बार खुद उसी आरोप के घेरे में आ गई है। एनडीए के घटक दलों में शामिल जदयू ने चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री कुमारी मंजू वर्मा के पुत्र अभिषेक आनंद को प्रत्याशी बनाया है।
चेरिया बरियारपुर सीट एनडीए गठबंधन में जदयू के हिस्से में आई है। लेकिन पार्टी के इस निर्णय से स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ-साथ विपक्षी दलों में भी हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन के दलों ने जदयू पर परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि कुमारी मंजू वर्मा इस सीट से वर्ष 2010 और 2015 में विधायक चुनी गई थीं। वे नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में समाज कल्याण विभाग की मंत्री भी रह चुकी हैं। हालांकि, 2020 के चुनाव में उन्हें राजद उम्मीदवार राजवंशी महतो से पराजय का सामना करना पड़ा था।
इस क्षेत्र में मंजू वर्मा का राजनीतिक इतिहास काफी पुराना है। उनके ससुर सुखदेव महतो भी वर्ष 1980 में सीपीआई के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। बाद के चुनावों में उन्होंने निर्दलीय और कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में भी अपनी किस्मत आजमाई।
लगभग 50 वर्षों से यह सीट एक ही परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है, जिससे स्थानीय लोगों के बीच परिवारवाद को लेकर चर्चा तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारों में पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार नीतीश कुमार मंजू वर्मा को टिकट नहीं देंगे। लेकिन जब जदयू की आधिकारिक सूची में उनके बेटे अभिषेक आनंद का नाम सामने आया, तो पार्टी कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय राजनीतिक हलकों में आश्चर्य और असंतोष दोनों ही देखा गया।
स्थानीय नेताओं का कहना है कि लगातार चार चुनावों से जदयू का टिकट एक ही परिवार में सिमट जाने से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित हुआ है। अब देखना यह होगा कि अभिषेक आनंद अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने में सफल होते हैं या नहीं।