बेगूसराय : बेरोजगारों को शिक्षक बनाने का झांसा देकर रकम ऐंठने वालों पर होगी कार्रवाई : आदेश जारी

डेस्क : बिहार में बेरोजगार युवकों को शिक्षक बनाने बाले गिरोह का एक सरकारी आदेश ने बोरिया विस्तर पैक कर दिया गया है। बता दें कि सूबे में 982 प्रारंभिक स्कूलों को सरकारीकरण के नाम पर मोटी रकम लेकर बेरोजगारों को सरकारी शिक्षक बनाने का सपना दिखाने वाले बेगूसराय जिले के ठगों के लिए यह बुरी खबर है।

बताते चलें कि 12 अप्रैल 2021 को प्राथमिक शिक्षा के निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने राज्य के सम्बन्धित डीईओ को पत्र देकर स्पष्ट किया है कि सरकार के पास किसी भी गैर सरकारी विद्यालय के अधिग्रहण का मामला विचाराधीन नहीं है। विभाग को सूचना मिल रही है कि कुछ-एक तथाकथित संघो व व्यक्तियों के द्वारा निजी विद्यालयों के अधिग्रहण के नाम पर लोगों को गुमराह कर अवैध तरीके से राशि की वसूली धररले से की जा रही है। निदेशक के मुताबिक ऐसे मामले का संज्ञान आने पर त्वरित गति से विधि सम्मत कार्रवाई करने का अधिकार डीईओ को दिया गया है।

बेगूसराय में भी सरकारी शिक्षक के नाम पर ठगी करने बाले लोगों के नेटवर्क सक्रिय हैं। जिले में हजारो बेरोजगार अबतक इस नेटवर्क के द्वारा ठगी के शिकार हो चुके हैं। सदर प्रखंड के चिलमिल व शहर के बाघी मोहल्ला में इसका नेटवर्क सक्रिय है। इस नेटवर्क से जुड़े सरगना अबतक करोड़ों की उगाही कर चुके हैं। जिसके बाद इस नेटवर्क के द्वारा शिक्षक बनने की सपना पालने बाले ठगी के शिकार युवक आज भी अपनी किस्मत पर आंसू बहाने को मजबूर हैं। निदेशक के द्वारा जारी किये गए लेटर में स्प्ष्ट कहा गया है कि सरकार के पास किसी भी गैर सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों के अधिग्रहण का मामला विचाराधीन नहीं है।

वर्ष 1990 से ऐसे हुआ था वसूली का गोरखधंधा 16 जनवरी 1990 को तब के बिहार राज्य के मंत्री परिषद की बैठक में 390 विद्यालयों के अधिग्रहण की कार्रवाई के लिए डीएम के द्वारा जांच कराने के बाद ही कराने का प्रस्ताव दिया गया। मंत्री से प्राप्त सूची व अन्य मिलाकर 982 स्कूल के राजकीयकरण के प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया गया। जिसके तीन साल बाद हुए बैठक में फैसला लिया गया था कि शिक्षा के हित मे होगा कि अब किसी विद्यालय का अधिग्रहण नहीं किया जाय। बल्कि जैसे-जैसे नए विद्यालय की आवश्यकता हो वहां सरकार नए विद्यालय खोले व नियमानुसार व आरक्षण के आधार पर शिक्षकों की बहाली की जाय। इसमें 16 जनवरी को 1990 को 982 प्रारंभिक विद्यालयों के अधिग्रहण के निर्णय को निरस्त कर दिया गया था।

बेगूसराय के डीईओ ने क्या कहा बेगूसराय के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा के निदेशक का पत्र प्राप्त हुआ है। मामले की जांच की जा रही है। कोई पीड़ित बेरोजगार यदि आवेदन देता है उस आधार पर जांच कर संबंधित दलालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी। नौकरी का झांसा देकर ठगी करने बालों को बख्शा नहीं जाएगा ।