जनता दरबार में बिना पक्ष सुने ही फैसला सुनाने का सीओ पर लगाया आरोप

बेगूसराय : भूमि विवाद के एक मामले में बिना भौतिक अनुसंधान व जांच पड़ताल किये ही जनता दरबार की पहली तारीख में ही चेरिया बरियारपुर सीओ द्वारा फैसला देने का मामला प्रकाश में आया है। उक्त मामले में चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के मेहदशाहपुर मौजा के खाता संख्या 1901 और खेसरा संख्या 2787 ( 12 कट्ठा 2 धुर ) पर उपजे भूमि विवाद को शनिवार को थाने में आयोजित जनता दरबार में निष्पादित किया गया। आयोजित उक्त जनता दरबार में अंचलाधिकारी चेरियाबरियारपुर , सर्किल इंस्पेक्टर मंझौल अंचल , चेरियाबरियारपुर थानाध्यक्ष के समक्ष सुनवाई की गई ।

इस मामले में सीओ राजीव रंजन चक्रबर्ती ने दूसरे पक्ष को सक्षम न्यायालय में जाने का फैसला दिया । दुसरे तरफ इस मामले के द्वितीय पक्ष मंझौल पंचायत एक निवासी रामचरित्र सिंह ने चेरिया बरियारपुर अंचलाधिकारी पर जनता दरबार में बुलाकर बिना पक्ष सुने ही मामला निष्पादित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि शनिवार की सुबह चेरिया बरियारपुर थाना के एक अधिकारी ने जनता दरबार में आने का नोटिस दिया । इस नोटिस के साथ मैं जमीन पर अपने स्वामित्व के साक्ष्य का दस्तावेज लेकर ससमय थाना पहुंचा और वहाँ बैठे अधिकारी एक जगह हस्ताक्षर करवा कर मेरे कागज को देखे समझे बगैर मुझे खेत पर ना जाने का अपना फैसला सुना दिया ।

मेरे द्वारा लिखित आदेश की कॉपी मांगने पर वहां से डांट डपट कर भगा दिया गया । जबकि शनिवार को जनता दरबार में बुलाये जाने से पहले बीते दिनों से लगातार प्रथम पक्ष के लोग दबंगता से मेरे द्वारा खेत में बोये गए फसल को बर्बाद कर लगातार डराने धमकाने का प्रयास करते रहे हैं।मिली जानकारी के अनुसार उक्त मामले में मेहदशाहपुर निवासी प्रथम पक्ष उषा देवी पति ओमप्रकाश पाठक व द्वितीय पक्ष मंझौल पंचायत एक निवासी रामचरित्र सिंह व उनके पुत्र अश्विनी सिंह को थाना पर मामले की सुनवाई के लिए बुलाया गया था ।

चेरिया बरियारपुर सीओ ने ये कहा : इस मामले पर चेरिया बरियारपुर के सीओ ने बताया कि एक ही जमीन के दो कबालेदार पक्ष हैं। जिसमें बाद में कबाला करवाने बाले पक्ष को सक्षम न्यायालय में जाने का निर्देश दिया गया है। वहीं रामचरित्र सिंह के द्वारा लगाए गए आरोप पर उन्होंने कहा कि वहां सीसीटीवी कैमरा मौजूद है । सभी चीजों को देख समझ कर फैसला सुनाया गया ।