पृथ्‍वी के करीब से कल गुजरेगा 9000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से पर्वत समान उल्कापिंड,जानिए क्या है डर

डेस्क : धरती की ओर तेज गति से बढ़ रहा है पहाड़नुमा उल्कापिंड कहते हैं जब दुःख का पहाड़ टूटता है तो चारों तरफ से आता है। अभी यही हाल हम सब के साथ हो रहा है।कोरोना का प्रकोप कम था जो यह उल्कापिंड नाम की चिंता भी आ गई।अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एक उल्कापिंड कल, यानि 29 अप्रैल, को पृथ्वी के बेहद करीब से होकर गुजरेगा। जिसकी गति 19000 किमी/घंटा होगा। पूरी दुनिया को कोरोना के साथ-साथ प्रकृति का भी कहर देखने को मिल रहा है।

हांलाकि वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि यह उल्कापिंड धरती से नहीं टकराएगी। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। इस उल्कापिंड का नाम 1998 OR2 है। लेकिन वैज्ञानिकों को बस एक ही डर सता रहा है कि अगर यह उल्कापिंड अपना थोड़ा सा भी स्थान परिवर्तन करता है तो पृथ्वी पर बड़ा संकट आ सकता है। इन हालातों में भारत समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक इस उल्कापिंड की दिशा पर गहरी नजर बनाएं हुए हैं।

अमेरीकी अंतरीक्ष एजेंसी नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ स्टडीज की मानें तो कल यानि 29 अप्रैल को सुबह 5:56 बजे उल्कापिंड धरती के पास से होकर गुजरेगा। वैज्ञानिकों की माने तो यह साइज में इतना बड़ा है कि पृथ्वी को आसानी से तबाह कर सकता है। आपको बता दें कि हर सौ साल में उल्कापिंड के धरती से टकराने की 50 हजार संभावनाएं होती है। हांलाकि जैसे ही यह उल्कापिंड धरती के समीप आता है तो जल जाता है। आजतक के इतिहास में ऐसा बहुत कम हुआ है कि इतना बड़ा उल्कापिंड धरती से टकराया हो। धरती पर यह उल्कापिंड कई छोटे-छोटे टुकड़े में गिरते हैं। जिससे किसी प्रकार का नुकसान आजतक नहीं हुआ है।