बेगुसराय जिले के एक ऐसा पंचायत वहां के ग्रामीण विकास के इंतजार में तरस रहे है, लेकिन इन 5 सालों में विकास पहुंचा ही नहीं..

डेस्क : आज हम आपको एक ऐसे पंचायत से रुबरु करवाएंगे। यहां के ग्रामीण तकरीबन 20 सालों से विकास के इंतजार में लालिमा लिए आस बैठे हैं। मगर सुनने और समझने वाला कोई नहीं है। हर बार पंचायत चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि के द्वारा बड़े बड़े वादे किए जाते हैं। लेकिन, बार-बार मुखिया, वार्ड, समिति द्वारा ठग लिए जाते है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं बेगूसराय जिले के साहेबपुरकमाल प्रखंड अंतर्गत पंचवीर पंचायत के वार्ड नंबर 16 की। जहां के ग्रामीणों की माने तो इन 5 से 10 सालों में उनके वार्ड क्षेत्र में विकास का एक अंश भी नहीं पहुंचा है।‌ शिवाय दिलासा के. ठगी मामले को लेकर जनता में मुखिया के खिलाफ काफी आक्रोश हैं। और नाराजगी भी है।

क्योंकि, ग्रामीण ने बताया पंचवीर पंचायत के वार्ड 16 के साथ हमेशा से दुर्व्यवहार होता आ रहा है। 2878 वोटर वाले इस वार्ड में अभी भी अच्छी शिक्षा, पक्की सड़क जैसी समस्या नहीं होने के कारण जनता मूलभूत समस्या से जूझ रहे है। वहीं विद्युत आपूर्ति की भी स्थिति काफी दयनीय है। कई बरसों से गांव के बीचो बीच नग्न अवस्था में हाई वोल्टेज बिजली के तार होने के कारण ग्रामीणों में हमेशा भय का विषय बना रहता है।

कहीं आपस में तार स्पर्श हो जाने से कोई बड़ी दुर्घटना ना हो जाए। ज्ञात हो, कि पंचवीर पंचायत में कुल 19 वार्ड हैं। जिनमें से 16 वार्ड एनएच 31 के बगल में बसा सबसे घनी आबादी बाला क्षेत्र है। ग्रामीण प्रिंस आर्यन ने बताया इन 5 सालों में गांव मे मुखिया के द्वारा ऐसा कोई भी कार्य नहीं हुआ है। जिससे आने वाले चुनाव में उनको वोट दे सके। गांव में ना ही अच्छी सड़क है। और ना ही एक भी नाला है। आपको बता दें कि गांव में नाला नहीं होने के कारण हर साल बरसात के मौसम में तकरीबन आधा गांव पानी के चपेट में आने से डूब जाता है। क्योंकि, गांव में अभी भी हर गली सड़क नहीं बना है।

वही राजीव कुमार रंजन ने बताया आज से लगभग 5 साल पहले मुखिया सिर्फ इस वार्ड में वोट मांगने के लिए आये थे। उसके बाद विगत 5 सालों में मुखिया गायब नजर आ रहे हैं। सिर्फ बड़े-बड़े वादे करके भोले भाले जनता को ठगने एक काम करते हैं। ऐसे मुखिया को जिताने का कोई फायदा नही है। वही आगे संतोष कुमार ने बताया इतनी बड़ी आबादी में हाईस्कूल नहीं होने के कारण गांव के छात्र छात्राओं को करीब 3.5 किलोमीटर आगे तरबन्ना पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। और गांव में जो भी मिडिल स्कूल है। वह भी बुनियादी रूप से नहीं चलते हैं। क्योंकि, स्कूल में शिक्षको का अभाव है।

जब आज से 4 साल पहले यह स्कूल प्राथमिक स्कूल हुआ करता था। उस वक्त भी करीब 5 शिक्षक हुआ करते थे। और जब से मिडिल स्कूल बना है फिर भी उतना ही शिक्षक है। वही छात्र नेता आदर्श कुमार ने बताया गांव मे एक बहुत पुराना पुस्तकालय भी हैं, वो भी तकरीबन 10 सालों से जर्जर स्थिति में पड़ा हुआ है। मुखिया सिर्फ चुनाव के दौरान बड़े बड़े वादे करते हैं। और चुनाव जीते ही अपने वादे से मुकर जाते हैं।