ये है देश की पहली हाइड्रोजन और हवा से चलने वाली लग्जरी बस, किराया होगा बिल्कुल कम..

डेस्क : प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन पर पूरी दुनियाभर में लगातार बातचीत हो रही है. सभी तथ्यों ध्यान में रखते हुए भारत में पहली मेड इन इंडिया हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस (Hydrogen Fuel Cell Bus)अब लॉन्च की गई है. इस बस में इलेक्ट्रिसिटी पैदा करने के लिए हाइड्रोजन और एयर का इस्तेमाल किया गया है. इस दौरान यह सिर्फ हीट और पानी ही प्रोड्यूस करेगी. दावा यह किया जा रहा है कि इस बस के बाय-प्रोडक्ट से पर्यावरण को किसी भी तरह का खतरा नहीं है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो देशभर में इसी तरह की बसें सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आएंगी.

क्या हैं हाइड्रोजन फ्यूल सेल ? अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों में जिस तरह से पारंपरिक बैटरी कार्य करती है, ठीक उसी तरह से फ्यूल सेल्स भी काम करते हैं. लेकिन, इन्हें आवेशित करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत नहीं पड़ती है. जब तक बैटरी को हाइड्रोजन की सप्लाई होती रहेगी, ये इलेक्ट्रिसिटी पैदा करते रहेंगे. कन्वेंशनल सेल की ही तरह फ्यूल सेल में एनोड और कैथोड इलेक्ट्रोलाइट के चारों तरफ मौजूद रहते हैं.

यहां हाइड्रोन एनोड से संचित का मतलब फेड होता है. वहीं, हवा कैथोड से फेड होती है. एनोड के मामले में उत्प्रेरक हाइड्रोजन मॉलिक्यूल को प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन में अलग अलग करते हैं और दोनों ही सबएटॉमिक पार्टिकल कैथोड में अलग-अलग रास्ता बना लेते हैं. इलेक्ट्रॉन एक्सटर्नल सर्किट के रास्ते प्रवाहित होकर सर्किट में इलेक्ट्रिसिटी का फ्लो बरकरार रहता है, जिसका यूज पॉवर इलेक्ट्रिक मोटर्स में किया जाता है. दूसरी तरफ, प्रोटॉन इलेक्ट्रोलाइट के जरिये कैथोड में भी प्रवाहित होता है. एक बार जब वे ऑक्सीजन और इलेक्ट्रॉन के साथ संयुक्त रूप में होते हैं तो पानी और हीट प्रोड्यूस करते हैं.