निर्भया केस : फांसी के बाद अक्षय ठाकुर का शव देख पत्नी बोली, पति को जिंदा नहीं ला पाई

नई दिल्ली : निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह 5:30 बजे फांसी पर लटका दिया गया था। उन चारों दोषियों में से एक दोषी अक्षय ठाकुर की शव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रही है। अक्षय ठाकुर के शव को पोस्टमार्टम के बाद उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया था शनिवार की सुबह शव औरंगाबाद में उसके पैतृक गांव पहुंचा, जहां उसके 9 साल के बेटे ने अक्षय ठाकुर को मुखाग्नि दी, अक्षय ठाकुर की पत्नी और भाई शव लेने के लिए दिल्ली आए थे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया गया। वह जिस गांव का था वहां फांसी की खबर के बाद कई घरों में खाना तक नहीं बना था, अक्षय के बेटे ने अक्षय का अंतिम संस्कार किया। कौन था अक्षय ठाकुर अक्षय निर्भया केस चारों दोषियों में से अक्षय ठाकुर बिहार का रहने वाला था इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला गया शादी के बाद ही 2011 में वह दिल्ली आया था और राम सिंह से मिला, घर पर इसकी पत्नी और एक बच्चा भी है।

फांसी से पहले अक्षय की अंतिम इच्छा उसने कहा कि मैं अंगदान करना चाहता हूं इसके लिए उसने लिख कर भी दिया, वही दूसरे दोषी विनय ने जेल में पेंटिंग बनाई थी उसने वह पेंटिंग जेल अधिकारी को रखने के लिए दी विनय की आखिरी इच्छा में कहा जब मेरे शव को मेरे परिवार वालों को सौंपा जाए तो उसके साथ हनुमान चालीसा और एक फोटो भी दी जाए। फांसी वाले दिन तिहार जेल के सामने सुबह से ही लोगों की भीड़ जमी थी लोग न्यायपालिका का धन्यवाद दे रहे थे, तिहाड़ जेल के बाहर लोगों की भीड़ देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था, जहां दोषियों के शवों को पोस्टमार्टम हुआ।