जयमंगला गढ़ 31 तक वीरान, वन्यप्राणी के दाना पानी पर संकट

मंझौल :अनुमंडल मुख्यालय मंझौल स्थित 52 शक्तिपीठों में एक जयमंगला गढ़ मंदिर परिसर में जयमंगला माता के मंदिर के कपाट को 31 मार्च तक के लिए पूर्णतया बंद कर दिया गया है। कोरोना वायरस अब वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है, इसके संक्रमण को रोककर ही इसको फैलने से रोका जा सकता है, ऐसे में सरकार ने आदेश देकर सभी धार्मिक जगहों पर एहतिहात बरतने के आदेश दिए हैं। किसी भी धार्मिक स्थल पर 50 से ज्यादा के व्यक्ति के जुटान पर रोक लगा दिया गया है।

जयमंगला गढ़ मंदिर में 31 मार्च तक सार्वजनिक पूजा पाठ पर रोक

मंदिर के पुजारी श्यामकांत झा ने बताया अनुमंडलाधिकारी मंझौल के आदेश के बाद से बीते शनिवार शाम से ही मंदिर के भीतर श्रद्धालुओं के प्रवेश जयमंगला माता के दर्शन एवं पूजापाठ पर पूर्णतः रोक लगा दिया गया है। हालांकि जनता कर्फ्यू के बीच रविवार के दिन कुछ श्रद्धालु पूजा करने आये लेकिन उन्हें बाहर से ही दर्शन और प्रणाम करने के लिए कहा गया, उन्होंने बताया कि सिर्फ मंदिर प्रबंधन के द्वारा सुबह और शाम में माता की पूजा अर्चना निरन्तर जारी है। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में बेगूसराय, बिहार एवं देश विदेश भर के लोग का आना जाना होता है। ऐसे में आमलोगों के पूजा करने को लेकर पूर्णतः बन्द किये जाने से ही इस संक्रामक विपदा से निपटा जा सकता है।

मंदिर परिसर में रहने बाले बेजुवान प्राणी पर दाना पानी का संकट

अमूमन सालों भर जयमंगला गढ़ मंदिर परिसर में पूजा करने बाले, कावर झील पक्षी विहार घूमने बाले हजारों लोगों का आना जाना होता है, जो मंदिर परिसर में रहने बाले बन्दर, कुत्ते और बकरी को खाद्य सामग्री देते हैं। लेकिन रविवार से परिसर सुना होने के बाद इन प्राणियों के फिलहाल मार्च महीने भर के लिए दाना पानी का संकट छा चुका है।