MBA चायवाला को टक्कर देने आ गया बेवफा चायवाला, प्यार में धोखा मिला तो खोली ली चाय की दुकान..

डेस्क : जब भी हम कहीं से थक हार जाते हैं तो चाय हमारी टेंशन को थोड़ी राहत देती है। चाय की चुस्कियां लेते हुए भले ही कुछ पल के लिए ही सही, अपने गमों को सबसे दूर कर पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने प्यार में धोखा मिलने के बाद चाय की दुकान खोली। सासाराम में युवक ने चाय की दुकान खोली, जिसका नाम रखा बेवफा चाय दुकान।

यह एक व्यवसाय होने के साथ साथ जीवन जीने की कला भी है। श्रीकांत नाम के युवक ने अपना ठीहा नेशनल हाईवे पर ताराचंडी मंदिर के पास लगाई है। उन्होंने बताया कि जब जीवन भर साथ निभाने की बारी आई, तब प्रेमिका ने साथ छोड़ दिया। जाहिर है ऐसे में गुस्सा भी आया। बहुत तकलीफ़ हुई। लेकिन ऐसे रोते – बिलखते जिंदगी नहीं गुजरी जा सकती है। तब मैंने इसी दर्द को अपनी ताकत बना कर जीने की ठान ली और फिर सोचा कि दुकान का नाम ही बेवफा चाय की दुकान रखूंगा।

यहां चाय की दुकान पर कुल्हड़ में चाय दी जाती है। श्रीकांत कहते हैं कि जब प्यार में यूज एंड थ्रो महसूस होता है तो लगा इसका इस्तेमाल दुकान में भी किया जाना चाहिए। इससे फायदा होगा कि बर्तन मांजने का झंझट ही खत्म और कुल्हड़ की चाय का स्वाद अलग होता है। लोग इसे खूब पसंद करते हैं। जब लोग कुल्हड़ को इस्तेमाल करके फेंक देते हैं तो मुझे अजीब सी संतुष्टि मिलती है। श्रीकांत ने बताया कि दुकान के नाम का बड़ा फायदा हुआ। लोग इसे देखकर कोतूहल से दुकान में चले आते हैं।

भले ही चाय पीने की इच्छा हो या ना हो, एकाध तो पी लेते हैं। चाय की छुट्टियों के साथ वह अपनी कहानी भी लोगों को बताते हैं। इससे मन तो हल्का होता ही है साथ ही चाय बिकने से जेब भारी हो जाता है। उन्होंने कहा कि उनके दुकान पर ₹10 में दिलजलों के लिए स्पेशल चाय मिलती है। इससे उनके संपर्कों का दायरा भी बढ़ा है। कुछ ग्राहक उनकी प्रेम कहानी का मजा लेने आते हैं तो वहीं ही कुछ उनके दर्द में अपना दर्द भी तलाशते हैं। श्रीकांत कहते हैं कि अब मैं अपने टीस को सूखने नहीं देना चाहता। अपने मन के जख्म को अब मैं हरा रखना चाहता हूं क्योंकि यह अब मुझे सुकून देती है। अब मुझे मेरे जीने का नजरिया दिखने लगा है। यही दर्द और तकलीफ तो मेरे ठीहे को जमाने का कारण है।