आखिर BSNL को बचाना क्यों नामुमकिन है? क्या Mukesh Ambani की Jio है बड़ी वजह? जानें –

दोस्तों सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को रिलायंस जियो, एयरटेल एवं Vi जैसे प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर्स के बीच अपनी पहचान बचाए रखने हेतु लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

एक तरफ 5G सर्विस अपने तेजी से अपने पैर पसार रही है, तो वहीं BSNL अभी तक पूरे देश में 4G सेवा भी शुरू नहीं कर पाया है। इसके बीच खबर आ रही है कि कंपनी का सब्सक्राइबर्स बेस काफी तेजी से कम हो रहा है एवं बीएसएनएल (BSNL) यूजर्स की संख्या बहुत जल्द 10 करोड़ से भी कम हो सकती है।

घट रहे BSNL सब्सक्राइबर्स

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा डाटा शेयर किया गया है जिसमें पाया गया है कि भारतीय मोबाइल यूजर्स बीएसएनएल (BSNL) नेटवर्क से दूर हो रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2023 में 10.41 करोड़ बीएसएनएल मोबाइल सब्सक्राइबर थे,

मगर अप्रैल 2023 में यह आंकड़ा कम होकर 10.28 करोड़ रह गया। जिस तरह से बीएसएनएल यूज़र्स में कमी आ रही है उसे देखकर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि आने वाले महीनों में यह आंकड़ा 0 करोड़ से भी कम हो सकता है।

गांवों में भी कम हो रहे BSNL यूजर

BSNL को सबसे बड़ा झटका ग्रामीण क्षेत्रों में लगा है, वहां भी उनके उपभोक्ता लगातार कम हो रहे हैं। कुछ समय पहले तक केवल शहरों में ही प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां अधिक पसंद की जाती थी, मगर अब गांवों में भी बीएसएनएल (BSNL) का दबदबा ख़त्म होता जा रहा है।

अब ऐसे एरिया में भी लोग बीएसएनएल (BSNL) को छोड़ दूसरे ऑपरेटर्स की तरफ जा रहे हैं। ट्राई के मुताबिक जनवरी में ग्रामीण क्षेत्रों में बीएसएनएल मोबाइल सब्सक्राइबर्स की गिनती 33,26,909 थी, जो अप्रैल में कम होकर 32,16,139 रह गई।

जियो का बढ़ता आकार

ग्रामीण क्षेत्र में बीएसएनएल का अच्छा यूजर बेस था एवं यही इस कंपनी की सबसे बड़ी शक्ति भी थी। मगर पिछले कुछ सालों में रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने काफी तेजी के साथ नए मोबाइल यूजर्स को अपनी तरफ आकर्षित किया है। इस कंपनी ने ग्रामीण एवं दूर-दराज के इलाकों तक मोबाइल टावर लगाए और अपने नेटवर्क एवं कवरेज क्षेत्र में काफी विस्तार किया है। इसके चलते बीएसएनएल में नेटवर्क प्रॉब्लम तथा लो कवरेज का सामना कर रहे ग्राहकों को नया विकल्प मिला।