देश का अनोखा Railway Station! यहाँ से पैदल जा सकते है विदेश, वीजा-पासपोर्ट की कोई जरूरत नहीं…

Railway Station : भारतीय रेलवे दुनिया भर में मशहूर है और यहां पर कई ऐसे स्टेशन और ट्रेन भी हैं जो अपने खासियत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। कई प्लेटफार्म और रेलवे स्टेशन (Railway Station) ऐसे हैं जिनकी अलग पहचान होती है या फिर वह अपनी साफ सफाई हो लेकिन पूरी दुनिया में फेमस है।

लेकिन आज हम आपको एक ऐसा रेलवे स्टेशन बताने वाले हैं जहां से आप पैदल भी विदेश जा सकते हैं। यह बात सुनकर आप हैरान रह गए होंगे लेकिन भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है जहां से आप पैदल भी विदेश जा सकते हैं।

ऐसा एक नहीं बल्कि भारत में दो रेलवे स्टेशन (Railway Station) है जहां से दूसरे देश में प्रवेश कर सकते हैं। पहले बिहार (Bihar) के अररिया जिले में स्थित है तो दूसरा पश्चिम बंगाल (West Bangal) में पड़ता है। आइये जानते हैं इन खास रेलवे स्टेशनों के बारे में और बताते है कि कौन से रेलवे प्लेटफार्म से आप दूसरे देश में पैदल ही जा सकते है।

बिहार का है ये रेलवे स्टेशन

आपने अभी तक देश के सबसे आखिरी गांव के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको ऐसे रेलवे स्टेशन (Railway Station) के बारे में बताएंगे जो भारत के आखिरी रेलवे स्टेशन है। सबसे पहले हम बिहार की बात करते हैं तो यहां के अररिया जिले में जोगबनी एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां से आप उतरकर पैदल ही नेपाल जा सकते हैं।

नेपाल से कितना दूर है ये रेलवे स्टेशन

बिहार के अररिया जिले में स्थित इस रेलवे स्टेशन का नाम जोगबनी रेलवे स्टेशन है। यहाँ से नेपाल (Nepal) बिलकुल पास में पड़ता है जहां से आप पैदल भी नेपाल पहुंच सकते है। सबसे अच्छी बात ये है कि यहां से नेपाल जाने वालों को वीजा या पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह से आप फ्लाइट का खर्चा भी बचा सकते है।

पश्चिम बंगाल में भी है ऐसा रेलवे स्टेशन

बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल में भी एक रेलवे स्टेशन है जो देश का आखिरी रेलवे स्टेशन है। राज्य के मालदा जिले में हबीबपुर में बना सिंहाबाद रेलवे स्टेशन (Railway Station) भी देश का आखिरी रेलवे स्टेशन है। लेकिन ये स्टेशन नेपाल नहीं बल्कि बांग्लादेश की सीमा के बेहद करीब है। अंग्रेजो के जमाने में बने इस रेलवे स्टेशन की हालत आज भी वैसी ही है जैसी ये बना तब थी। लेकिन आजादी के समय इसका काम बंद कर दिया गया तब से ये सुनसान और वीरान पड़ा हुआ है।

इस रेलवे स्टेशन पर नहीं है सिग्नल

इसके अलावा इस रेलवे स्टेशन पर काफी समय से कोई भी उपकरण बदले नहीं गए है। अब तो यहाँ सिग्नलों की जगह हाथों से गियर का इस्तेमाल किया जाता है। यहां पर टिकट काउंटर नहीं है क्योंकि इस रूट पर केवल मालगाड़ी ही चलती है। इसके अलावा इस रेलवे स्टेशन पर कर्मचारी भी बहुत कम है।