रेल इंजन पर लिखे WAG, WAP-4 जैसे कोड्स का मतलब क्या होता है? जान लीजिए…

Indian Railway Facts : अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं या फिर कभी ना कभी आपने जरूर सफर किया है तो आपने गौर किया होगा की ट्रेन के इंजन के आगे एक यूनिक कोड लिखा होता है. जिसको लेकर लोग अलग-अलग तरह के कयास लगाते रहते हैं और यह कोड अल्फाबेट्स में लिखे जाते हैं. लेकिन क्या अपने कभी सोचा कि आखिर इसका मतलब क्या होता है? तो आइए आज हम इस आर्टिकल में यही जानते हैं कि इसके पीछे की असली वजह क्या होती है?

दरअसल, आपको आपकी जानकारी के लिए बता दे की रेलवे में हर एक छोटी अल्फाबेट से लेकर नंबर तक का कोई न कोई अर्थ जरूर निकलता है तो इससे पहले आप यह जान ले की रेलवे में लाइन 3 तरीके से होती है. जिनमें बड़ी लाइन छोटी लाइन और सकरी लाइन शामिल है और इस रेल भाषा में भी बड़ी लाइन को ब्रॉड गेज और सकरी लाइन को डोली गई लाइन को नैरो गेज के अलावा छोटी लाइन को मीटर गेज के नाम से जाना जाता है.

अब नैरो गेज आपको अक्सर पहाड़ी इलाकों में देखने को मिल जाएगा जबकि ब्रॉड गेज का संकेत W, मीटर गेज का Y और नैरो के लिए Z का संकेत दिया गया है. अब अगर रेल इंजन के आगे इन तीनों शब्द में से कोई भी अल्फाबेट आपको दिखता है तो आप इस बात से समझ सकते हैं कि यह किस रूट का इंजन है.

वहीं A और D भी इंजन की शक्ति का सोर्स बताता है. इसका मतलब है कि इंजन अगर डीजल का है तो उसके लिए D अक्षर का यूज किया जाता है और अगर A का है तो इलेक्ट्रिसिटी पावर से चलने वाला इंजन है.

इनका भी होता है मतलब

अगर आपको ट्रेन में p’M’G और S जैसे अक्षर देखने को मिल जाते हैं तो आप समझ जाएं कि इनका भी कुछ संकेत है. क्योंकि P पैसेंजर के लिए G मालगाड़ी के और M का उपयोग मिश्रित यानी कि पैसेंजर और मालगाड़ी दोनों के लिए जबकि शॉटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है.