Indian Railway : पैसेंजर, मेल, एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों में क्या है अंतर? आज जान लीजिए….

Indian Railway : हम सभी ट्रेन से सफर करते हैं लेकिन आपने देखा होगा कुछ ट्रेन एक्सप्रेस होती हैं, कुछ पैसेंजर और कुछ मालवा। क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्यों एक ही रूट पर चलने वाली ट्रेनें अलग-अलग नाम से चलाई जाती हैं।  आखिर क्यों रेलवे इन ट्रेनों को एक ही नाम से नहीं चलाता है, तो आइए आपको बताते हैं आखिर इन ट्रेनों में क्या अंतर होता है?

पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train)

रेलवे बहुत छोटी दूरी के लिए ये ट्रेन चलाती है, इन पैसेंजर ट्रेनों में अधिकतर सभी डिब्बे जनरल के होते हैं और अन्य ट्रेनों की तुलना में इसकी स्पीड भी धीमी होती है, क्योंकि ये रास्ते में पड़ने वाले अधिकतर सभी स्टेशनों पर रुकती है और इसीलिए इसे पैसेंजर ट्रेन कहा जाता है।

मेल ट्रेन ( Mail Express Train)

मेल एक्सप्रेस ट्रेन से आप को क्या याद आ रहा है ईमेल ना? तो आपको बता दें कि  पुराने समय में किसी भी तरह के संदेश के लिए डाक का ही उपयोग किया जाता है, तो पहले ट्रेन में डाक के लिए रेलवे अलग से एक डिब्बा लगा देती थी और इसी से इसका नाम मेल एक्सप्रेस पड़ गया। इन ट्रेनों की स्पीड 50 किमी प्रतिघंटे के आसपास होती है और ये ट्रेन आमतौर पर 123 से शुरू होती है और अधिकतर सभी स्टेशनों पर ये ट्रेन रुकती है।

एक्सप्रेस ट्रेन (Express Train)

एक्सप्रेस ट्रेन का मतलब है कि वो ट्रेन जो पैसेंजर से तेज चलती हो लेकिन जिसकी स्पीड सुपर फास्ट से थोड़ी कम होती हो। इसकी औसत स्पीड 55 किमी प्रति घंटे होती है और ये हर स्टेशन पर रुकती नहीं है। एक्सप्रेस ट्रेन समय से पहुंचती है।

सुपर फास्ट ट्रेन (SuperFast Train)

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि ये ट्रेन फास्ट होती है यानी ये ट्रेन एक्सप्रेस और पैसेंजर दोनो के मुकाबले तेज चलती है, इसकी औसत स्पीड 100किमी प्रति घंटा हो सकती है। इसका किराया भी इन दोनों ट्रेनों से ज्यादा होता है और ये ट्रेन लंबी दूरी की यात्रा को कवर करती है।