सिग्नल लाल है..बावजूद भी Train Driver स्टेशन मास्टर को दिखाता है हरी झंडी? जानें- वजह….

डेस्क : भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने कई नियम बनाया है। जिसे पालन यात्रियों के साथ साथ कर्मचारी भी करते हैं। लेकिन कई किसी नियम को देख उसके बारे में जानने की इच्छा होने लगती है। इसी कड़ी में आपने गौर किया होगा कि जब स्टेशन से ट्रेन स्पीड में गुजर रही होती है तो रेलवे कर्मचारी हरी झंडी क्यों दिखाता है। जबकि लाइन क्लियर की जानकारी लोको पायलट को पटरी के बगल में लगी ग्रीन लाइट से होती है। आइए आज इसके पीछे की वजह को जानते हैं।

दरअसल, यह झंडा लाइन क्लियर करने के लिए नहीं बल्कि किसी और वजह से दिखाया जाता है, जिसका सीधा संबंध यात्रियों की सुविधा से है। जब ट्रेन स्टेशन से रवाना हो रही होती है तो रेलवे कर्मचारी डिब्बों की गिनती कर रहे होते हैं। इसके साथ ही वह यह भी देख रहे हैं कि किसी डिब्बे में कोई दिक्कत तो नहीं है। इसलिए उनके एक हाथ में हरी और दूसरे हाथ में लाल झंडी होती है।

सब कुछ ठीक है

हरी झंडी दिखाने का मतलब है कि सब कुछ ठीक है और लोको पायलट ट्रेन को आगे बढ़ाता रहता है। लेकिन अगर उसे ट्रेन के डिब्बों में कुछ गड़बड़ दिखे तो वह तुरंत लाल झंडा उठा देगा। पीछे बैठे गार्ड की नजर इस झंडे पर पड़ेगी और वह ब्रेक लगा देगा। गौरतलब है कि गार्ड के पास ट्रेन में ब्रेक भी होता है, जिसे वह जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकता है। गार्ड के ब्रेक लगाते ही ट्रेन रुक जाएगी और जब तक ट्रेन में दिख रही समस्या ठीक नहीं हो जाती, ट्रेन आगे नहीं बढ़ेगी। ऐसा यात्रियों और ट्रेन की सुरक्षा को देखते हुए किया गया है।

ट्रेन के डिब्बे भरे हैं या नहीं

वैसे तो रेलवे कर्मचारी ट्रेन के डिब्बों की गिनती कर रहा है, लेकिन ट्रेन के पीछे बने निशान से भी पता चल रहा है कि ट्रेन का कोई भी डिब्बा छूटा नहीं है। ट्रेन के पीछे X का निशान बना होता है। यह हमेशा आखिरी डिब्बे के पीछे होता है। इसे सिर्फ इसलिए बनाया गया है ताकि स्टेशन पर खड़े स्टाफ को पता चल सके कि ट्रेन पूरी तरह से पार हो गई है और कोई भी डिब्बा पीछे नहीं छूटा है।