India To Bhutan Train : अब भारत से भूटान के बीच शुरू होगी रेल सेवा, जानें – रूट..

India To Bhutan Train : आप लोगों ने अब तक ट्रेन में जरूर यात्रा की होगी लेकिन अब तक केवल रेलवे (Railway) द्वारा भारत में ही यात्रा की सुविधा दी जा रही है। लेकिन अब एक ताजा खबर के अनुसार अब भारतीय रेलवे अपना स्तर बढ़ा रहा है और रेलवे से लोगों को विदेश यात्रा करवाने के बारे में सोच रहा है।

अब मोदी सरकार द्वारा जल्द ही भारत और इसके पड़ोसी देश भूटान के बीच इंटरनेशनल ट्रेन चलाने की योजना पर काम कर रही है। यह ट्रेन असम से शुरू होगी और इसका उद्देश्य है कि दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए।

इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बात करते हुए बताया है कि इस परियोजना को लेकर भूटान के शासकों सेवा चल रही है और भूटान भी अधिक पर्यटन क्षेत्र खोलकर पर्यटकों को बढ़ावा देना चाहता है। इसके साथ ही असम से रेल संचालित होने पर यहां भी रेलवे का विस्तार होगा।

पहली बार विदेश तक बिछेगी लाइन

भारत और भूटान के बीच बन रहे रेलवे लिंक के लिए 57 किलोमीटर रेलवे लाइन हेतु भारत सरकार खुद खर्चा उठाएगी और इस परियोजना को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बारे में भूटान के विदेश मंत्री ने भी बयान दिया था कि भूटान सरकार द्वारा भारत के साथ इस परियोजना पर सबसे पहले काम होगा और इसके बाद अन्य क्षेत्रों को जोड़ने के बारे में भी विचार करेगी।

नेपाल से भी जुड़ेगा भारत

इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि हम नेपाल और बांग्लादेश के साथ भी कनेक्टिविटी कोबढ़ाने पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही हमारी सरकार ने पिछले 9 सालों में चीन के साथ सीमा सहित सीमा पर बुनियादी ढांचे में भी बढ़ोतरी की है।

क्या है चुनौतियां

भारत और भूटान के बीच बन रही इस रेलवे लिंक का सर्वेशन आज 4 महीने पहले अप्रैल 2023 में ही पूरा कर लिया गया था और इसका कार्य 2026 तक पूरा होने की संभावना है। इस परियोजना में भारत के असम में कोकराझार से लेकर भूटान के गेलेफु तक 57 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछेगी।

इस योजना में आ रही परेशानी को लेकर विदेश मंत्री ने कहा है कि, ‘ वर्तमान में म्यांमार के साथ सीमा की स्थिति काफी तनावपूर्ण है। सिटवे बंदरगाह चालू है और इस साल तक कोस्टल शिपिंग समझौता भी होने की पूरी उम्मीद है। इसके अलावा कानून व्यवस्था के अंतर्गत म्यांमार त्रिपक्षीय राजमार्ग सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को दूर करने के लिए हम म्यांमार के अधिकारियों से बात कर रहे हैं।’