कावरटाल के किसान 31 वर्षों से पी रहे हैं आस्वासन के घूंट, राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा किसानों को मिलेगा उनका हक

मंझौल / बेगूसराय : शनिवार को बेगूसराय जिले मंझौल अनुमंडल मुख्यालय मंझौल के श्री जगदम्बी पुस्तकालय के प्रांगण में कावर टाल क्षेत्र की समस्या के समाधान और उसके सम्यक विकास पर विमर्श का आयोजन किया गया। इस विमर्श में मुख्य वक्ता के तौर पर राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा , विशिष्ट अथिति के तौर पर प्रसार भारती पूर्वी जॉन के महानिदेशक सुधांशु रंजन थे। इसकी अध्यक्षता पूर्व मंत्री रामजीवन सिंह ने किया। सभी आगत अथितियों के स्वागत अंग वस्त्र व माला पहना कर किया गया। मंच संचालन डॉ राहूल कुमार ने किया।

लगातार 31 सालों से किसान पी रहे हैं आस्वासन के घूंट सर्वप्रथम विषय के बारे में रखते हुए शम्भू शरण शर्मा ने बताया कि रामसर साइट की दर्जा मिलने से क्षेत्र के बहुत लोग प्रसन्न है तो कुछ नाराज हैं। ऐसी अवधारणा बन रही है कि कावर गया और हम भी चले गए। लोगों में नासमझी के कारण गुस्सा है, रामसर साइट कावर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगा। अभी कावर की 23520 एकड़ भूमि पानी में डूबी हुई है। बांकी जमीन पर लील गाय और सुगर का आतंक, सरकार चिंतित है। हमारी फसल मारी जा रही है सरकार दो गुनी मुआवजा की बात कर रहे हैं ये विरोधवास है। 1989 ई में वन्य जीव आश्रनी क्षेत्र की घोषणा के बाद अधिकारियों ने क्षेत्र की समस्या समझने की कोशिश नहीं कि।

बरसात में 50 प्रतिशत जमीन डूब जाती है। जिससे 40 से 50 प्रतिशत किसान मजदूर बेरोजगार होकर बाहर काम करने चले जाते हैं। हम चाहते हैं कि इसके लिए हाइलेबल कमिटी आये। सीमित जमीन में वाटर लॉगिंग हो जिससे कि यहां का जीवन सुखद हो। 1989 ई से आजतक केवल राजनीतिक अस्वाशन मिला है । क्षेत्र के लोगों की समस्या हल होने के बाद ही जीने का रास्ता निकलेगा । यहां टूरिज्म का विकास हो ताकि यह क्षेत्र टूरिस्ट प्लेस हो जाये।

अधिकारियों की उदासीनता से लटका है कावर का मुद्दा , मजबूत इरादा से समाधान संभव पूर्व मंत्री रामजीवन सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि नौकरशाहों की आदत है कि मजबूत सरकार और स्थिर सरकार से डरते हैं। नौकरशाहों पर कोई अंकुश रहता नहीं है। जमीन पर आते आते सरकारी योजना विकृत रूप जो जाता है और जनता को ओरीजनल लाभ नहीं मिल पाती है। कावर में पक्षी बिहार , खेती योग्य जमीन , पर्यटन केंद्र सबचीज हो । मैं जब 1996 ई में मंत्री था तो कावर में वन एवं पर्यावरण मंत्री और सचिव को बुलाया और क्षेत्र दिखाया था।

फ़िर पटना में बैठक बुलाई । जिसमें कहा था कि 2500 एकड़ में पक्षी बिहार बनाया जाय बांकी को निकाला जाय। पानी निकालने और लाने की व्यवसथा हो जाये। खोदबन्दपुर प्रखण्ड के मिर्जापुर के सामने से बूढ़ी गंडक नदी से बराज निकाल दिया जाए तो कावर में गरमा फसल हो जाएगी। फिर वर्षा के बाद बखरी प्रखण्ड में बने परिहारा में बना सुलिस गेट से पानी निकल जाए तो रवि फसल भी हो सकती है। कावर के चारों तरफ 16 गाँव के लोगों का भोजन और पशु का चारा सब इसी से निकलता है। कावर से सब चौर को कनेक्ट किया जाए।

बेगूसराय के परिदृश्य को नहीं बदल सका तो मेरा राज्यसभा में जाना निरर्थक होगा अंत में राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि हम किसी भी चीज को व्यवस्थित ढंग से भविष्य को सोचकर नहीं करते जिससे एक गुत्थी सुलझती है दूसरी उलझ जाती है। यही समस्या कावर के साथ भी है। पर्यावरण और जीवन दोनों का समन्वय हो किसान और कावर एक दूसरे से है। किसानों की हकमारी करके हमे कावर नहीं चाहिए। इसके लिए कानून और व्यवसथा जो भी बदलनी परे बदलेंगे पर किसानों के अधिकार से समझौता नहीं होगा। किसानों को जमीन पर उनका हक हो, स्वामित्व मिले एमएसपी मिले।

किसानों के कायाकल्प बिना भारत का विकस नहीं होगा । उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेदकर को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि रामसर साइट में शामिल होने से कावर झील ने मंझौल को दुनिया के मानचित्र पर ला दिया है। यहां पूरी दुनिया से रंग बिरेंगे पर्यटक आएंगे जिससे मंझौल और बेगूसराय में आर्थिक गतिविधि , रोजगार सृजन को बल मिलेगा । बिहार के जीडीपी को 2 से 3 प्रतिशत बोधगया , राजगीर , कावर झील सबको जोर कर बढ़ाया जा सकता है। जिस झील में साइबेरिया का पक्षी आ रहा है वहां अमेरिका का टूरिस्ट क्यों नहीं आएगा।

1952 से 2020 की यात्रा में बिहार की विरासत ही हिंदुस्तान की पहली पंक्ति में खरा करने का सामर्थ्य रखता है ।जिस जिला में प्रतिभा, परिश्रम पैसा को त्रिकोण हो वह जिला मांग पत्र के साथ सरकार के पास जाए यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। बेगूसराय में हवाई अड्डा , विश्वविद्यालय , एमस और ट्रामा सेंटर की स्थापना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेगूसराय के चरित्र को मैं नहीं बदलूंगा तो मेरा राज्यसभा में जाना निरथर्क होगा। जिलेवासियों ने मेरे लिए छठ व्रत संकल्प व्रत बना दिया है। छठ में बेगूसराय में जो भी संकल्प लेता हूँ उसको लेकर साल भर दौड़ता हूं।

सदन में कावर की समस्या को 25 जुलाई को उठाया 29 जुलाई को किसानों का मुद्दा उठाया तो कृषि की बात कह राज्य सरकार की बात हुई , मैने कहा कि किसानों के मुद्दे पर केंद्र में और राज्य में इतना गैप क्यों है। केंद्र की सरकार किसान के मुद्दे को लेकर अतिसंवेदनशील है। प्रधानमंत्री जी भी बार बार अपने सांसदों को कहते हैं। अपने क्षेत्र में जाइये और सरकार जो कर रही है वह बताने नहीं करवाने जाईये। उन्होंने छह साल से सांसदों को चलता फिरता गाड़ी बनाकर रखा है। अंत में उन्होंने कावर की समस्या और विकास का संकल्प लेते हुए कहा कि बेगूसराय के विकास के लिए मिलजुल कर काम करेंगे। इस विमर्श कार्यक्रम में महेश भारती , उपमेयर राजीव रंजन , डॉ निशांत रंजन , भाजपा नेता रामसुमिरन सिंह , मनोज भारती , ब्रजेश सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया।