बिहार दिवस 2021 : स्कुलों में चेतना सत्र के दौरान छात्र-छात्राओं ने बिहार के अतीत पर डाला प्रकाश

न्यूज डेस्क , बेगूसराय : बिहार धर्म संस्कृति ज्ञान की पवित्र भुमि रही है।देश और दुनियाँ में बिहार और बिहारी की पहचान परिश्रम संघर्ष का रहा है।उपरोक्त बातें प्रखंड जदयु अध्यक्ष रामनरेश आजाद ने कही।वे क्षेत्र के शाहपुर गाँव के जदयु नेता सुनील कुमार मेहता के बगीचे में आम का पौधा लगाने के बाद कार्यकर्ताओं के साथ आयोजित बैठक में बोल रहे थे.

आज के ही के दिन 22 मार्च 1912 को बिहार को राज्य का दर्जा मिला था।उन्होंने कहा कि बिहार के मेघावी बच्चे अपनी बुद्धिमत्ता से राष्ट्र के विकास में योगदान करते रहे हैं।श्रम की सौंंधि खुशबू से देश दुनिया को बेहतरीन बनाने में अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। छौड़ाही के क्षेत्र के विभिन्न सरकारी और निजी विधालय में बिहार दिवस के अवसर पर चेतना सत्र में विधालय के बच्चों और शिक्षकों ने कहा कि बिहार का वर्तमान हमलोग मिलकर गढ़ने में लगे हैं।भविष्य को स्वर्णिम बनाने की जिम्मेदारी नई पीढ़ी के ऊपर है।

यह तब संभव होगा जब युवा पीढ़ी अच्छी आदतों को अपनायेंगेंं और अपने आप को मजबूत एवं चरित्रवान बनायेंगे।बचपन जीवन का अनमोल समय है। यह जीवन के लक्ष्यों को लेकर नींव डालने का वक्त होता है।भविष्य को बेहतर बनाने के लिये रास्ता चुनना है।बुराई से दूरी रखना,और माता पिता का कहना मानना बड़े बुजुर्गों का आदर करना हमारी सभ्यता संस्कृति रही है। क्षेेेत्र के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय अमारी,उत्क्रमित मध्य विद्यालय पताही,उत्क्रमित मध्य विद्यालय इब्राहिमपुर,मध्य विद्यालय मटिहानी,ऐजनी नारायणपीपड़ सहुरी समेत अन्य सरकारी एवं निजी विद्यालय में मनाया गया।