आखिर लड़कियों को खट्टा खाना इतना क्यों पसंद होता है ? जानिये उनके शहरीरिक बनावट के दबे तथ्य को करीब से

डेस्क : क्या आपने कभी सोचा है,लड़कियां इतने चटकारे मारकर खट्टा क्यों खाती हैं? ज्यदातर गोलगप्पे वाले ठेले के पास हमे लड़कियाँ ही क्यों दिखाई देती हैं? कई बार मम्मी के फटकार के बाद भी लड़कियाँ अचार खाने के लिए क्यों उत्सुक रहती है…इस बारे में पूरी जानकारी आज हम आपको इस पोस्ट में देंगे।

लड़कों की तुलना में लड़कियों में स्वाद की बेहतर समझ होती है। स्कूली उम्र का हर तीसरा बच्चा शीतल पेय पसंद करता है जो मीठा नहीं होता है। लड़कियों की तुलना में लड़कों का दांत मीठा होता है और किशोरों का स्वाद अलग होता है।ऐसा माना जाता है कि लड़कियों का टेस्ट बड्स लड़को से अलग होता है अलग है इसलिए लड़कियों को खट्टा-मीठा पसंद होता है और लड़कों को मीठा पसंद होता है।जितना मैं जानता हूं कि इस मामले की कोई और परिभाषा नहीं है। लेकिन कुछ अपवाद भी उपलब्ध हैं कि लड़कियों को मीठा पसंद नहीं है, उन्हें खट्टा पसंद है ।

Pregnancy के कारण

जब महिलायें pregnant होती है तब गर्भ के अंदर भ्रूण विकसित हो रहा होता है, जिस वजह से दूसरी तिमाही के दौरान उनकी हड्डिया प्रणाली विकसित होने लगती है। अच्छे विकास के लिए मां के शरीर से भ्रूण के शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पहुंचाना पड़ता है। इसे बढ़ावा देने के लिए एक अम्लीय वातावरण आवश्यक है जिसकी माँ के शरीर में कुछ कमी हो जाती है, और इसलिए खट्टे खाद्य पदार्थों की लालसा होती है ।

गर्भावस्था के दौरान, ज्यादातर महिलाओं के लिए मतली (morning sickness) मुख्य दुश्मन है। खट्टे फल खाने से बेचैनी कम होती है। जी मिचलाने और उल्टी होने के कारण उन्हें बेहतर स्वाद के लिए खट्टी चीजें खाने का मन करता है।

मासिक माहवारी के कारण

13 साल की उम्र मे puberty के बाद हर लड़कियों को मासिक periods शुरू हो जाते हैं जिस वजह से शरीर मे कई नये hormone बनने लगते है । period के वक्त आमतौर पर कई लड़कियों को खट्टा खाने का मन होता है वही कई लड़कियाँ इस वक्त कुछ भी खाने से बचती हैं ।

खट्टे खाने को लेकर myth

बहुत से लोग इस myth को मानते हैं, फिर भी इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि खट्टा खाना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है जब वे अपने चक्र पर होती हैं। ऐसा कोई विशिष्ट भोजन नहीं है जिससे मासिक धर्म वाली महिला को बचना चाहिए। दरअसल, यही वह समय होता है जब आपको पौष्टिक भोजन करना चाहिए, खट्टा हो या नहीं। ऐसा मासिक धर्म के दौरान होने वाले खून की कमी के कारण होता है, जो आपको कमजोर महसूस करा सकता है।