Chanakya Neeti : भारतीय इतिहास में कई विद्वानों में से एक महान विद्वान चाणक्य का नाम भी आता है जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। भारत में इन्हें अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है। इन्होंने चाणक्य नीति या नीतिशास्त्र के नाम से भी एक किताब लिखी है जिसमें जीवन पर आधारित कुछ नियम बनाए गए हैं।
जिनसे आप अपने जीवन को सरल और सुखमय बना सकते है। चाणक्य नीति में बताया गया है कि जब व्यक्ति घर बनाता है तो उसे कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए वरना उसके जीवन में हमेशा परेशानी आती रहती हैं। इसलिए उन्होंने घर बनाने से संबंधित कुछ नियम बताये है जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
चाणक्य नीति में घर बनाने के नियम
- आचार्य चाणक्य ने बताया कि घर हमेशा उसी जगह बनाना चाहिए जहां आप रोजगार कर सके और अपने घर का पालन पोषण कर सकें। ऐसी जगह कभी घर ना बनाए जहां आजीविका का कोई भी साधन ना हो।
- ऐसी जगह हमेशा घर बनाना चाहिए जहां पर लोक लाज का भय हो और समाज भाव सबसे ऊपर रखा जाता हो। ऐसी जगह कभी घर ना बनाएं जहां पर इज्जत और मान सम्मान की परवाह किसी को ना हो।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार घर हमेशा ऐसी जगह बनाए जहां लोग कानून का पालन करते हैं और कानून के नियम अनुसार ही जीवनयापन करते हो। ऐसी जगह घर ना बनाए जहां लोगो में कानून का डर ना हो।
- चाणक्य नीति के अनुसार ऐसी जगह घर बनाना चाहिए जहाँ लोगों में त्याग और परोपकार की भावना हो। ताकि सब एक दूसरे की मुश्किल समय में मदद कर सके। जहां लोगों में ऐसी भावना ना हो वहाँ कभी घर ना बनाएं।
- जहां के लोग दान करने में विश्वास रखते है वहाँ हमेशा घर बनाना चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार दान करने से मन और आत्मा को शांति और पुण्य मिलता है। पापी और मुंजी लोगों के बीच जाकर ना बसें।